
जालंधर: जालंधर सेंट्रल से ‘आप’ विधायक रमन अरोड़ा के मामले में उनके स्टाफ और निजी सहायक (PA) से हुई पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। तीन दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद रामा मंडी थाना पुलिस द्वारा बुधवार को विधायक अरोड़ा को दोबारा अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि विधायक पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उनकी रिमांड बढ़ाने की मांग की जा सकती है।
पुलिस ने मंगलवार को विधायक के आधिकारिक पीए रोहित कपूर को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया। इसके अलावा, उनके दफ्तर में काम करने वाले हनी भाटिया, संदीप पाहवा और सूरज को भी जांच में शामिल किया गया। हनी भाटिया ने बताया कि वह दफ्तर में पार्ट-टाइम कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था और उसे 20 हजार रुपये वेतन मिलता था। उसने कहा कि उसे विधायक के अन्य कामों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

सूरज ने बताया कि वह सिर्फ सरकारी योजनाओं के फॉर्म भरता था और उसे 7 हजार रुपये महीना मिलता था। संदीप पाहवा ने भी कहा कि वह लोगों के आधार कार्ड से जुड़े फॉर्म भरता था और उसे 7 हजार रुपये वेतन दिया जाता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विधायक रमन अरोड़ा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते पुलिस को उनका और रिमांड चाहिए। इससे पहले मंगलवार शाम को जालंधर कैंट थाने की हिरासत में रखे गए अरोड़ा का सिविल अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह से फिट बताया।
इस बीच, भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में, जिसमें विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार किया था, विधायक अरोड़ा को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। मंगलवार को उस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसविंदर सिंह की अदालत में एक लाख रुपये का जमानत मुचलका दाखिल किया गया। यह स्पष्ट है कि वह पुलिस रिमांड में किसी और मामले में हैं, जबकि विजिलेंस वाले मामले में उन्हें राहत मिली है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि कभी जिले के नागरिक और पुलिस प्रशासन पर मजबूत पकड़ रखने वाले विधायक अरोड़ा को पुलिस हिरासत में जमीन पर सोना पड़ रहा है और कैदियों को मिलने वाली पीली दाल-रोटी खानी पड़ रही है। रिमांड के दौरान उन्हें अपने परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने की इजाजत नहीं दी गई है।
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Police questioned MLA Raman Arora’s staff










