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कोरोना काल में इंश्योरेंस लेना हुआ मुश्किल, कंपनियों ने सख्त किए Policy के नियम

नई दिल्ली: टर्म लाइफ पॉलिसी खरीदना उन लोगों के लिए मुश्किल होने वाला है, जिन्हें अभी तक कोविड-19 वायरस के खिलाफ वैक्सीन नहीं लगाया गया है क्योंकि मैक्स लाइफ और टाटा एआईए जैसी कंपनियां अब टर्म लाइफ इंश्योरेंस के खरीदारों के लिए अनिवार्य कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांग रही हैं। और अन्य बीमा कंपनियों के भी इसे पालन करने की संभावना है। 

अब टेलीमेडिकल बंद
बता दें कि इससे पहले कंपनियां इंश्योरेंस खरीदने वाले से फोन पर ही उसकी मेडिकल हिस्ट्री और हेल्थ के बारे में जानकारी ले लेती थीं। ऐसे में कुछ लोग अपनी मेडिकल हिस्ट्री छुपा लेते हैं और इंश्योरेंस खरीदने के कुछ ही समय बाद क्लेम अप्लाई कर देते हैं। इसका भार इंश्योरेंस बेचने वाली कंपनी को उठाना पड़ता है। ऐसे में अब आम लोगों के लिए प्योर प्रोटक्शन प्लान यानी टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदना काफी सख्त हो गया है। क्योंकि लगभग सभी कंपनियों ने अंडरराइटिंग के नियम कड़े कर दिए गए हैं।

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना नहीं आसान
नए नियमों के मुताबिक किसी भी तरह के कोविड मरीज को रिकवरी के 3 महीने बाद तक पॉलिसी नहीं बेची जाएगी। नई पॉलिसी के लिए टेलीमेडिकल की जगह मेडिकल टेस्ट पर जोर दिया जाएगा। रीइंश्योरेंस कंपनियों ने भी टर्म पोर्टफोलियो की रिस्क बढ़ा दी है।

क्यों सख्त हुए नियम?
कुछ कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस के लिए वैक्सीनेशन से जुड़ी शर्तें भी जोड़ दी हैं। यानी कि अगर आपने कोरोना की वैक्सीन ली है तभी आपको पॉलिसी दी जाएगी वरना नहीं। या फिर आपको पॉलिसी दी जाएगी तो हो सकता है कि कंपनी आपसे प्रीमियम ज्यादा ले। कंपनियों ने क्लेम के भार से बचने के लिए रिस्क मैनेजमेंट सख्त कर दिया है।

It was difficult to take insurance during the Corona period, companies made strict policy rules