जालंधर (PLN- Punjab Live News) कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद भी पंजाब कांग्रेस में जारी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी नई कैबिनेेट की घोषणा की। नई कैबिनेेट में सीएम ने सात नए चेहरों को शामिल किया है, जबकि कैप्टन के करीबियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया है।
सीएम चन्नी नेे मंत्री राणा गुरजीत को भी अपनी कैबिनेट में जगह दी है। जिसके बाद से विवाद शुरू हो गया है और दोआबा के 6 विधायकों ने राणा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
चिट्ठी लिखने वाले छह विधायकों में सुल्तानपुर लोढी के नवतेज सिंह चीमा, भुलत्थ के सुखपाल सिंह खैरा, फगवाड़ा के बलविंदर सिंह धालीवाल, जालंधर (नॉर्थ) के बावा हेनरी और शाम चौरासी के पवन अदीया,पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मोहिंदर सिंह केपी ने सिद्धू को चिट्ठी लिखी है।
चिट्ठी में कहा गया कि राणा को मंत्री बनाने से सरकार और पार्टी की छवि खराब होगी। यह सभी नेता जल्द सिद्धू से मिल भी सकते हैं। इन सभी नेताओं का कहना है कि राणा गुरजीत सिंह पर करप्शन के आरोप लगे हुए है। उनकी जगह किसी साफ छवि वाले दलित नेता को कैबिनेट में क्षेत्र का नुमाइंदा चुना जाना चाहिए।
आपको बता दें कि राणा गुरजीत कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी रहे हैं। 2018 में राणा पर अपने रसोइए के नाम पर रेत खनन करने को लेकर आरोप लगे थे। तब कैप्टन ने जांच कराई और उनको क्लीन चिट दे दी। लेकिन बाद में विपक्षी दलों के मुद्दा उठाने पर राणा ने कहा कि इस्तीफा दे दिया था। राणा को 10 महीने में ही मंत्री पद खोना पड़ा था।