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रिपोर्ट में खुलासा: विज्ञापनों से अरबों डॉलर कमाने के लिए फेसबुक अब भी कर रहा बच्चों की जासूसी

नई दिल्ली: फेसबुक ने अपना नाम भले ही बदलकर मेटा रख लिया है, लेकिन ऑनलाइन टार्गेटेड विज्ञापनों से अरबों डॉलर कमाने के लिए बच्चों की जासूसी करना नहीं छोड़ा। बल्कि झूठ बोला कि अब वह ऐसा काम नहीं करता। यह खुलासा कई अंतरराष्ट्रीय तकनीकी शोध संस्थानों द्वारा तैयार की गई नई रिपोर्ट में हुआ है।

इसके अनुसार फेसबुक विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अब भी बच्चों की पहचान कर रहा है, उनकी ऑनलाइन गतिविधियों का डाटा जमा कर रहा है।

फेयरप्ले, ग्लोबल एक्शन प्लान, रीसेट ऑस्ट्रेलिया आदि द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक ने अपना नाम केवल इसलिए बदला ताकि लगातार सामने आ रहे घपलों और नागरिकों से लेकर बच्चों तक की निजता खत्म करने से धूमिल हुई ब्रांड की छवि बचा सके। उसका अल्गोरिदम अब भी बच्चों की पहचान, निगरानी व डाटा जमा कर रहे हैं। फेसबुक इस डाटा का उपयोग उन्हें टार्गेटेड विज्ञापन देने में कर सकता है। इससे उसकी कमाई में करोड़ों डॉलर की वृद्धि होगी। रिपोर्ट में लगे आरोपों को फेसबुक ने खारिज किया है।

Report reveals: Facebook is still spying on children to earn billions of dollars from advertisements