नई दिल्ली: आम आदमी की रोज़मर्रा की ज़िंदगी कल, यानी 10 मई से थोड़ी बदल सकती है। जिस यूपीआई और डिजिटल पेमेंट ने खरीदारी और लेन-देन को बेहद आसान बना दिया है, वही कल से पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों की मुश्किल बढ़ा सकते हैं। देश के कई शहरों में पेट्रोल पंप मालिकों और संगठनों ने 10 मई से यूपीआई सहित अन्य डिजिटल माध्यमों से पेमेंट स्वीकार न करने का ऐलान किया है।
यह फैसला डिजिटल पेमेंट के माध्यम से बढ़ते साइबर धोखाधड़ी के मामलों के कारण लिया गया है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन शहरों में पेट्रोल पंप मालिक सिर्फ यूपीआई ही नहीं, बल्कि कार्ड से पेमेंट लेने पर भी 10 मई से रोक लगाने की धमकी दे चुके हैं।
हाल ही में विदर्भ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों ने पेट्रोल पंप मालिकों के लिए कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं, जिससे उन्हें बड़ा वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है। धोखाधड़ी करने वाले लोग ग्राहकों के कार्ड या नेटबैंकिंग को हैक करके भुगतान कर देते हैं। जब ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति शिकायत दर्ज कराता है, तो पुलिस उस ट्रांजेक्शन को कैंसिल करवा देती है, जिसका सीधा नुकसान पेट्रोल पंप मालिक को होता है।
फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह के साइबर फ्रॉड और ट्रांजेक्शन कैंसिल होने के कारण कई पेट्रोल पंप मालिकों के बैंक अकाउंट पूरी तरह से ब्लॉक कर दिए गए हैं। इसकी वजह से एक तरफ उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है, तो दूसरी तरफ वे बाकी माध्यमों से भी पेमेंट लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के नासिक शहर में भी कुछ इसी तरह का ऐलान नासिक पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय ठाकरे ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कई पेट्रोल पंप मालिकों से शिकायतें मिली हैं, जिनके डिजिटल ट्रांजेक्शन फ्रॉड के कारण कैंसिल हुए और बाद में उनके अकाउंट ब्लॉक हो गए।
पेट्रोल पंप मालिकों के इस फैसले से उन लाखों ग्राहकों को परेशानी हो सकती है जो ईंधन खरीदने के लिए मुख्य रूप से डिजिटल पेमेंट पर निर्भर हैं। उम्मीद है कि इस मुद्दे का जल्द कोई समाधान निकाला जाएगा।
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Petrol pumps will not accept UPI payments from tomorrow