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केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक से पहले किसान संगठनों की बड़ी घोषणा

चंडीगढ़: पंजाब के 30 किसान संगठन आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे। दरअसल, किसान संगठनों ने वार्ता के लिए केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था, लेकिन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने केंद्र के निमंत्रण को ठुकरा दिया था।

किसानों के मुद्दों और मांगों पर मंत्रियों के साथ चर्चा करने के लिए तीन किसान नेता डॉ. दर्शन पाल, बलवीर सिंह राजेवाल और कुलवंत सिंह संधू को नामित किया गया है। किसान नेताओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि कृषि विरोधी तीन कानूनों को रद्द किए बिना कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

 

 

दूसरी ओर, किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कहा है कि रेलवे द्वारा रेल लाइनें खाली होने के बावजूद केंद्र द्वारा ट्रेनें नहीं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक ट्रेनें नहीं चलेंगी तब तक वह केंद्र के साथ बातचीत नहीं करेंगे।

हरमीत सिंह कादियान की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में पंजाब किसान संघों की एक बैठक हुई। हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि मंत्रियों के साथ पहली बैठक में भाग लेने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया क्योंकि किसानों ने कभी भी बातचीत करने का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछले 49 दिनों से किसान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए कानूनो को निरसत करना और वापसी करना किसानों की मुख्य मांग थी।

 

 

उन्होंने कहा कि देश भर के सभी किसान संगठनों ने 26 और 27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो आंदोलन’ शुरू करने की योजना बनाई है। पंजाब भर के हजारों किसान टेंट और राशन लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में दिल्ली जाएंगे। उन्होंने केंद्र से कहा कि अगर किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया तो सड़क यातायात ट्रेनों की तरह अवरुद्ध हो जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों का संघर्ष दिवाली के दिन भी जारी रहेगा और किसान मशाल जलाकर अपनी शिकायतें व्यक्त करेंगे। कादियान ने कहा कि किसानों ने रेलवे लाइनों, स्टेशनों से एक कदम पीछे ले लिया है ताकि सरकार एक कदम आगे बढ़े। लेकिन सरकार ने अपना रुख बनाए रखा है।