लॉरेंस बिश्नोई का फाइनेंसर, जो उसे जेल में मिलकर आता था, पंजाब पुलिस ने दबोचा; पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे

लुधियाना: खन्ना पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को एक बड़ा झटका देते हुए उसके करीबी और ‘बी’ कैटेगरी के गैंगस्टर रवि राजगढ़ को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। रवि राजगढ़ पर लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई को विदेश भगाने के लिए 25 लाख रुपये की फंडिंग करने और गैंग को अवैध हथियार मुहैया कराने जैसे संगीन आरोप हैं।

खन्ना की एसएसपी डॉ. ज्योति यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बड़ी गिरफ्तारी का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गैंगस्टर रवि राजगढ़ पुलिस को गांव चणकोईआं खुर्द में जमीन के कब्जे को लेकर हुए एक झगड़े और फायरिंग के मामले में वांछित था। पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

एसएसपी डॉ. ज्योति यादव ने बताया कि जब रवि राजगढ़ से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने कबूल किया कि उसी ने लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को विदेश फरार कराने के लिए 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई थी। यही नहीं, साल 2024-25 में रवि राजगढ़ दो बार गुजरात की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई से मुलाकात करके भी आया था।

पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि गांव चणकोईआं खुर्द में हुए झगड़े के दौरान फायरिंग के लिए चार अवैध .32 बोर के पिस्टल और कारतूस भी रवि राजगढ़ ने ही उपलब्ध करवाए थे। एसएसपी ने बताया कि राजगढ़ एक शातिर अपराधी है और उस पर पहले से ही हत्या, अवैध हथियार रखने, लड़ाई-झगड़े और अन्य अपराधों के करीब 15 मामले दर्ज हैं। पुलिस अब उसे रिमांड पर लेकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके तार गैंग में और कहां-कहां जुड़े हैं और उसने किन-किन वारदातों में गैंग की मदद की है।

 

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Lawrence Bishnoi’s financier arrest

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