नई दिल्ली: जी हां आपने महिला को प्रसव पीड़ा और बच्चे को ट्रेन में जन्म देने की कहानियां तों आपने खूब पढ़ी और सुनी होंगी। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई चिकित्सा सुविधा 1 रुपए में मुहैया होती हो। आपको जानकर थोड़ा आश्चर्य लग रहा होगा लेकिन यकीन मानिए ये कोई किस्सा नहीं, बल्कि हकीकत में ऐसा हुआ है।
कोंकण कन्या एक्सप्रेस में सफर कर रही एक महिला को प्रसव पीड़ा महसूस हुई। इसके बाद महिला की ठाणे रेलवे स्टेशन पर क्लिनिक स्टाफ ने डिलीवरी कर दी। महिला को पीड़ा ट्रेन में चढ़ने के दौरान ही महसूस हुई थी। डिलीवरी के बाद महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। आश्चर्य की बात यह है कि जिस क्लिनिक स्टाफ ने महिल की डिलीवरी कराई उसने पैसे के नाम पर सिर्फ 1 रुपए लिया। डिलीवरी के बाद महिला और नवजात दोनों स्वस्थ्य हैं।
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जब 1 रुपए में कराई दर्द से कराहती महिला की डिलीवरी, हो रही हर तरफ चर्चा
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हार्ट के मरीजों का अब होगा बेहतर इलाज, आज से इनोसैंट हार्ट्स मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में दिल के रोगों के लिए नए विभाग का होगा उद्घाटन
जालन्धर, 16 दिसम्बर: स. सतनाम सिंह मैमोरीयल इनोसैंट हार्ट्स मल्टीस्पैशलटी अस्पताल आज 16 दिसम्बर से दिल के रोगों का नया विभाग खुलने जा रहा है। यह अस्पताल नवम्बर, 2016 में शुरू हुआ था। इस समय अस्पताल में कई प्रकार की मैडीकल सेवाएं 24 घण्टे दी जा रही हैं जिनमें ट्रामा केयर सैंटर, एमजैंसी सेवाएं, हड्डीयों के रोग, जनरल सर्जरी, महिला रोगों के बारे, नेफरोलोजी के साथ डायलसिस यूनिट, दांतों के रोग के बारे, आंखों के रोग के बारे, मानसिक रोग के बारे,नाक-कान-गले के रोग के बारे मुख्य रूप से शामिल हैं। इस वर्ष से अस्पताल में एक नए विभाग की शुरूआत की जा रही है और वह है दिल के रोगों का विभाग जिसका उद्देश्य कम कीमत पर उच्च श्रेणी की मैडीकल सेवाएं देना है। इस अस्पताल की स्थापना जालन्धर और आस-पास के लोगों की सेवा करने के लिए की गई है।
इनोसैंट हाट्र्स के सचिव डॉ. अनूप बौरी और इनोसैंट हाट्र्स के मैडीकल सचिव डॉ. चंदर बौरी ने बताया कि उनके पास पढ़ी-लिखी और अनुभवी डाक्टरों की टीम है। हादसे और ट्रामा केसों में अस्पताल में 24 घँटे एमरजैंसी सेवाओं की सुविधा है। अस्पताल के पास कम्प्यूटरकृत लैब, फारमेसी और एम्बुलैंस सेवाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल पिछले दो वर्षों से समाज की सेवा कर रहा है और अपने नए विभाग से अपनी सेवा के दायरे को और बढ़ाएगा।
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अरमान अस्पताल में मरीज की मौत से भड़के परिजनो ने किया हंगामा.जमकर मचा बवाल. मोके पर पहुंची पुलिस.परिजन बोले – अस्पताल की लापरवाही से हुई मौत
जालंधर : जालंधर में फुटबॉल चौक के पास स्थित अरमान अस्पताल में कुछ लोगों की तरफ से भारी हंगामा किया गया अस्पताल के भीतर माहौल उस गर्माया जब एक मरीज की मौत के बाद परिवारजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर डाला।
कुछ दिन पूर्व परिवार ने दो पारिवारिक सदस्यों की मौत से पहले ही पूरी तरह से आहत था।वही एक और मौत ने परिवार को तोड़ कर रख डाला।
दरअसल अरमान अस्पताल में बस्ती शेख में रहने वाले एक व्यक्ति का इलाज चल रहा था। परिजनों का आरोप है कि जब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ नही था तो अस्पताल ने मरीज को छुट्टी दे क्यों दी। औऱ जिस के बाद घर पहुंचकर मरीज की मौत हो गई।
जिस के बाद डाक्टरों पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। अस्पताल में हंगामा होने से हालात बिगड़ते देख भरी संख्या में पुलिस बल अस्पताल के बाद तैनात कर दिया गया है।
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पंजाब में 558 डाक्टरों की जल्द होगी भर्ती, दस अस्पतालों को करेंगे आधुनिकीकरण, सरकार का बड़ा फैंसला
(PLN) – 10 वर्षों के लंबे वक्त के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग राज्य के लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएंं मुहैया करवाने के लिए बड़ी संख्या में 558 नये डाक्टरों की भर्ती करने जा रहा है। जिस संबंधी भर्ती प्रक्रिया मुकम्मल कर ली गई है और इन डाक्टरों को जल्द स्टेशन जारी कर दिए जाएंगे।
इन नये भर्ती डाक्टरों में स्पैशलिस्ट डाक्टर भी हैं जिनको सिवल सर्जनों द्वारा दी गई सूची के अनुसार विभिन्न जिलों के कम्युनिटी हैल्थ सैंटरों, प्राथमिक हैल्थ सैंटरों और जिला अस्पतालों में तैनात किया जायेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने यह जानकारी दी।
इसके लिए 10 सरकारी अस्पतालों का किया जायेगा आधुनिकीकरण
हैल्थ मिनिस्टर ब्रह्म मोहिंद्रा ने आज सरकारी अस्पतालों के स्टाफ, ओ.पी.डी. दवाओं और बुनियादी ढांचे की समीक्षा के लिए रखी गई सिविल सर्जनों की मीटिंग की। मीटिंग में सतीश चंद्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित कुमार एम.डी.एन.एच.एम, हरपाल सिंह चीमा, चेयरमैन पी.एच.एस.सी, सभी सिविल सर्जन और स्टेट प्रोग्राम अफ़सर उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव घोषणा-पत्र में किये वायदे को पूरा करते हुए बड़े स्तर पर डाक्टरों की भर्ती की है जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिए एक मील पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग 10 वर्ष के अंतराल के बाद बड़ी संख्या में 558 डाक्टरों की भर्ती करने जा रहा है।
ब्रह्म मोहिंद्रा ने सिविल सर्जनों को कहा कि वह जिला, सब -डिविजऩल, सी.एस.सी और पीएससी स्तर के अस्पतालों के लिए डाक्टरों की तैनाती संबंधी सूची दें जिससे डाक्टरों की कमी से जूझ रहे अस्पतालों में नये डाक्टरों की तैनाती की जा सके।उन्होंने कहा कि डाक्टरों की तैनाती तर्क के आधार पर की जायेगी और डाक्टरों के गृह निवास से संबंधित जिलों के अस्पतालों में तैनाती पर ध्यान दिया जायेगा जिससे मैडीकल अफ़सर समर्पित होकर तनदेही से लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकें।
ब्रह्म मोहिंद्रा ने यहाँ घोषणा करते हुए कहा कि पंजाब सरकार राज्य के लोगों को यूनिवर्सल हैल्थ स्कीम के अधीन मानक और बढिय़ा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए 10 जिला अस्पतालों का आधुनिकीकरण करेगी जिससे लोगों को जिले में ही तीसरी श्रेणी की इलाज सुविधाएंं उपलब्ध हो सकेंगी।
Health Minister’s big statement – 558 doctors will be recruited soon, ten hospitals will be modernized
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डाक्टर व मरीज सावधान ! डेंगू गुपचुप अंदाज में लोगों को बनाने लगा अपना शिकार
नई दिल्ली- राजधानी में डेंगू का नया रूप सामने आया है। अब तक सिरदर्द और बुखार से लोगों को बेहाल कर देने वाला डेंगू फीवर बेहद ही गुपचुप अंदाज में लोगों को अपना शिकार बना रहा है। विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है। नए रूप में लोगों को चपेट में लेेने वाले डेंगू से प्रभावित कई मरीज एम्स सहित दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञ डेंगू के इस नए अवतार को देखकर हैरान हैं। सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर जुगल किशोर ने बताया कि डेंगू मरीजों की पहचान के लिए बुखार और सिरदर्द को अभी तक आम लक्षणों के तौर पर देखा जाता था। डेेंगू मरीजों में 100 डिग्री फॉ.हा. तापमान बना रहता था। ऐसे मरीजों का उपचार पैरासिटामॉल और ग्लूकोज देकर किया जा रहा था। मगर नए लक्षण वाले डेंगू के उपचार को लेकर अब अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत पड़ रही है। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि एम्स में अभी कुछ समय पहले ही एक 50 वर्षीय मरीज को डेंगू के नए लक्षणों के साथ भर्ती किया गया था। उसे बुखार और सिरदर्द नहीं था लेकिन डेंगू की पुष्टि हुई।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मरीज में ल्युकोपीनिया (वाइट सेल्स) काउंट में कमी और प्लेटलेट्स काउंट में कमी है और बुखार नहीं है फिर भी मरीज की डेंगू टेस्ट करनी चाहिए। इसके अलावा अगर बगैर ठोस कारण रक्तचाप में गिरावट आने के साथ कमजोरी महसूस हो रही है तो तत्काल विशेषज्ञ से परामर्श के बाद रक्त जांच करानी चाहिए।Dengue begins to make people prey on their prey
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रहें सावधान : बुखार नहीं भी है तो भी हो सकता है डेंगू , टेस्ट अनिवार्य, डॉक्टरों की सलाह
Punjab Live News (PLN News)
PLN विशेष रिपोर्ट: एम्स के डॉक्टरों ने एक केस स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि कुछ असाधारण केस ऐसे भी होते हैं जिसमें डेंगू का शिकार हुए व्यक्ति को बुखार नहीं आता। दरअसल एक अस्पताल में काम करने वाले 50 साल के नर्सिंग सफाई कर्मी को किसी तरह का कोई बुखार नहीं आया बावजूद इसके उन्हें डेंगू डायग्नोज हुआ था।
ब्लड टेस्ट में हुई डेंगू की पुष्टि
बताया जा रहा है कि उस मरीज ने बहुत ज्यादा थकान की शिकायत की थी जिसके बाद डॉक्टरों ने उसका ब्लड टेस्ट किया। ब्लड टेस्ट में उनके खून में शुगर की अनियंत्रित मात्रा और ऐसिड का हाई लेवल पाया गया। साथ ही मरीज के खून में रेड सेल्स, वाइट सेल्स और प्लेटलेट्स की संख्या भी बहुत कम थी। ब्लड टेस्ट के इन नतीजों को देखते हुए डॉक्टरों ने मरीज का डेंगू टेस्ट किया। NS1 ऐंटिजेन टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव निकला और इसके बाद दोबारा किए गए RT-PCR टेस्ट में भी डेंगू वायरस की पुष्टि हुई।

जर्नल ऑफ द असोसिएशन ऑफ फिजिशन्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित स्टडी में एम्स के डॉक्टर कहते हैं, अगर किसी क्षेत्र या इलाके में डेंगू बहुत ज्यादा फैला हुआ हो तो ऐसी जगह पर मरीजों में अगर ल्युकोपीनिया यानी वाइट सेल्स काउंट में कमी और प्लेटलेट्स काउंट में कमी देखी जाए तो बुखार न होने पर भी मरीज के डेंगू की जांच की जानी चाहिए।
डॉक्टरों की मानें तो डेंगू के वैसे मरीज जिनमें बुखार नहीं दिखता लेकिन उनके शरीर में डेंगू के वायरस मौजूद होते हैं उनमें ज्यादतर लोग या तो बुजुर्ग होते हैं या फिर पहले से ही डायबीटीज के मरीज या फिर इम्यूनिटी से जुड़ी दूसरी बीमारियों के शिकार होते हैं।
इन लक्षणों का रखें ध्यान…
– बिना वजह बहुत ज्यादा कमजोरी या थकान लगे।
– ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा लो हो जाए।
– खून में मौजूद प्लेटलेट की संख्या बहुत ज्यादा कम हो जाए।
Be careful: there is no fever, even if dengue, test compulsory, doctors advice






