
चंडीगढ़: आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। मंगलवार को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन मजीठिया के वकीलों ने ही याचिका में संशोधन के लिए चार हफ्ते का समय मांग लिया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। हाईकोर्ट अब इस मामले पर 26 अगस्त को अगली सुनवाई करेगा। यानी मजीठिया को राहत के लिए अभी करीब एक महीने का और इंतजार करना होगा।
इस बीच, मजीठिया की कानूनी टीम ने मोहाली की अदालत में एक अर्जी दायर कर एक बड़ी मांग की है। उन्होंने मांग की है कि इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई बंद कमरे में (इन-कैमरा) न की जाए, बल्कि इसकी लाइव स्ट्रीमिंग हो। वकीलों का तर्क है कि यह मामला पूरे पंजाब से जुड़ा है और देश-विदेश में बसे पंजाबी भी इस केस की सच्चाई जानना चाहते हैं, इसलिए सुनवाई में पारदर्शिता होनी चाहिए।

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 25 जून को अमृतसर से आय से अधिक संपत्ति जुटाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सरकार का दावा है कि उनके पास मजीठिया के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इसी सिलसिले में पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और यूपी में उनकी संपत्तियों पर छापेमारी भी हो चुकी है। वहीं, मजीठिया और अकाली दल इसे लगातार राजनीति से प्रेरित मामला बता रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 2021 में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी मजीठिया पर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसकी जांच भी अभी जारी है।
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Bikram Majithia will have to wait more for relief




