
लुधियाना: सतलुज नदी में उफान के चलते लुधियाना पूर्वी इलाके पर बाढ़ का गंभीर खतरा मंडराने लगा है। नदी के तेज बहाव के कारण ससराली बांध कमजोर पड़ गया है, जिससे आसपास के दर्जनों गांवों और शहरी इलाकों में दहशत का माहौल है। हालांकि, जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना और NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के साथ मिलकर युद्धस्तर पर मोर्चा संभाल लिया है।
मौके पर सेना, एनडीआरएफ के जवान और स्थानीय लोग दिन-रात बांध को मजबूत करने के काम में जुटे हुए हैं। रेत और मिट्टी से भरी बोरियों की दीवार खड़ी कर बांध के कमजोर हिस्सों को भरने का प्रयास लगातार जारी है।

शुक्रवार दोपहर को डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने खुद प्रभावित स्थल का दौरा कर बांध की मरम्मत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए और लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। डीसी जैन ने आश्वासन दिया, “प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारी पूरी है। लोगों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।”
चिंता की बात यह है कि अगर सतलुज का जलस्तर और बढ़ता है तो लुधियाना के करीब 14 गांवों में बाढ़ आ सकती है। इसके पानी का असर शहर के अंदरूनी इलाकों जैसे राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड और यहां तक कि समराला चौक तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही, साहनेवाल के धनांसू क्षेत्र में भी पानी भरने की प्रबल आशंका जताई जा रही है, जिससे कुल मिलाकर 50 हजार से ज्यादा की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हो सकती है।
इस बीच, भाखड़ा बांध का जलस्तर भी खतरे के निशान 1680 फीट के बेहद करीब, 1678.74 फीट पर पहुंच गया है। बांध में पानी की भारी आवक (76,318 क्यूसेक) को देखते हुए इसके चारों फ्लड गेट 10-10 फीट तक खोल दिए गए हैं और 80,792 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे सतलुज के निचले इलाकों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन नदी के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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Big threat of flood in Ludhiana










