दुबई में टूटा एक और सपना: 6 साल बाद पंजाब लौटा, पर ताबूत में… दो साल का बेटा पूछता रहा, पापा कब उठेंगे?

अमृतसर: दुबई में अपने परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य का सपना बुन रहे एक और पंजाबी नौजवान की जिंदगी की डोर टूट गई। जिले के मजीठा के पास स्थित गांव भगवान के 30 वर्षीय गुरजंट सिंह का शव रविवार देर रात दुबई से अमृतसर पहुंचा तो पूरे गांव में मातम पसर गया। सबसे दर्दनाक मंजर तब था जब दो साल का मासूम बेटा अपने पिता के ताबूत से लिपटकर उन्हें उठाने की कोशिश कर रहा था।

गुरजंट का शव श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की निशुल्क एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से उनके पैतृक गांव लाया गया।

ट्रस्ट के संस्थापक और प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय ने बताया कि गुरजंट पिछले 6 सालों से दुबई में मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहा था। परिवार के अनुसार, कुछ दिन पहले अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था और 24 जुलाई को ब्रेन हेमरेज के कारण उसकी मौत हो गई।

गुरजंट के शव को भारत वापस लाने का खर्च उसकी बीमा कंपनी ने वहन किया। अमृतसर हवाई अड्डे पर ट्रस्ट के पंजाब अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह हीर और अन्य पदाधिकारियों ने परिवार की मौजूदगी में शव प्राप्त किया। गुरजंट अपने पीछे बूढ़े माता-पिता, पत्नी, दो साल का बेटा और तीन बहनें छोड़ गया है।

इस मुश्किल घड़ी में सरबत दा भला ट्रस्ट परिवार के लिए सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। ट्रस्ट की अमृतसर जिला टीम जल्द ही परिवार की आर्थिक स्थिति का जायजा लेगी और जरूरत के अनुसार परिवार को मासिक पेंशन भी शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि डॉ. ओबेरॉय के प्रयासों से अब तक करीब 420 युवाओं के शव विदेशों से उनके परिवारों तक पहुंचाए जा चुके हैं।

हवाई अड्डे पर मौजूद मृतक के जीजा जगदीप सिंह और अन्य रिश्तेदारों ने नम आंखों से इस कठिन समय में मदद के लिए डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय और उनकी टीम का धन्यवाद किया।

 

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Another dream shattered in Dubai

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