
चंडीगढ़: एक तरफ जहां पंजाब अब तक की सबसे खतरनाक बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बड़ा संगठनात्मक कदम उठाया है। पार्टी ने राज्य के 23 जिलों में 110 किसान हल्का कोऑर्डिनेटरों की नियुक्ति की है। इस फैसले के समय को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
पार्टी का कहना है कि इन नियुक्तियों का दोहरा उद्देश्य है। पहला, इस मुश्किल वक्त में बाढ़ प्रभावित लोगों तक संगठित तरीके से मदद पहुंचाना और दूसरा, पार्टी के संगठन का जमीनी स्तर पर विस्तार करना। ये नवनियुक्त कोऑर्डिनेटर सरकार और प्रभावित लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेंगे, ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब पार्टी के सभी बड़े नेता, विधायक और मंत्री पहले से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि इस बार की बाढ़ ने राज्य में भारी तबाही मचाई है और इसे अब तक की सबसे विनाशकारी आपदाओं में से एक माना जा रहा है। हालांकि पार्टी इसे राहत कार्यों को गति देने की कवायद बता रही है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे आपदा के समय में भी अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करने की एक सोची-समझी रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।
आम आदमी पार्टी हलका कोऑडिनेटर सूची








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AAP’s big political gamble




