नई दिल्ली: गुजरात में अंधविश्वास का एक नमूना देखने को मिला जहां एक मगरमच्छ खाने की तालाश में मंदिर नहर से निकल कर मंदिर तक आ गया। लेकिन लोगों ने उसे पकड़ने की बजाए पूजा करना शुरु कर दिया। यह घटना महिसागर जिले में स्थित खोडियार माता मंदिर की है।
बता दें कि गुजरात में पटेल समुदाय खोडियार माता को अपना कुलदेवी मानते हैं, उनके मुताबिक धार्मिक साहित्यों में खोडियार माता की सवारी मगरमच्छ को बताया गया है। जानकारी के मुताबिक यहां मंदिर में एक दिन पहले चोरी हुई थी जब अगले दिन ग्रामीण यहां मंदिर में पहुंचे तो उन्होंने वहां मगरमच्छ को देखा और वे देवी मान उसकी पूजा करने लगे।
विन विभाग का मानना है कि मगरमच्छ पास के ही नदी तालाब से खाने की तलाश में मंदिर तक आ गया होगा। लोग मंदिर के कक्ष में घुसे मगरमच्छ को सिंदूर और टीका लगाकर उसकी पूजा करने लगे। ऐसा करते देख वहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। इस बीच किसी ने वन विभाग को इसकी सूचना दे दी जिसके बाद वन विभाग की टीम वहां पहुंची। लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उनका भी विरोध करना शुरू कर दिया।
वहां जमा भारी भीड़ के कारण टीम को मगरमच्छ का रेस्क्यू करने में भी काफी वक्त लगा। टीम का कहना था कि हम किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्हें मगरमच्छके रेस्क्यू के लिए भीड़ के छटने का इंतजार करना पड़ा। बाद में वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ कर तालाब में छोड़ दिया।