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जब जिंदा जवान के घर शोक जताने पहुंच गए केंद्रीय मंत्री, फिर हुआ गलती का अहसास और…

बंगलूरू: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ए नारायणस्वामी को उस वक्त भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी, जब वह जिंदा जवान के घर शोक प्रकट करने पहुंच गए। इतना ही नहीं, उन्होंने उक्त जवान के परिजनों को जमीन और सरकारी नौकरी देने का भी एलान कर दिया। यह वाकया बृहस्पतिवार का है। कहा जा रहा है कि यह सब स्थानीय नेताओं द्वारा गलत जानकारी देने की वजह से हुआ।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, नारायणस्वामी जम्मू-कश्मीर में तैनात रविकुमार कट्टीमणि के आवास पहुंचे, जबकि उन्हें एक साल पहले पुणे में मृत जवान बासवराज हीरेमंत के यहां जाना था। मंत्री के कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें मृत जवान के परिवार से मिलकर शोक संवेदना प्रकट करनी थी। सूत्रों का कहना है कि अपने तय कार्यक्रम से देरी से चल रहे नारायणस्वामी सांसद शिवकुमार उदासी के साथ जब मुलागुंड पहुंचे तो स्थानीय नेता उन्हें कट्टीमणि के घर ले गए। परिजनों से मुलाकात के दौरान उन्होंने सरकारी नौकरी और जमीन देने का एलान किया। इससे परिजन भ्रम में और भौचक्के रह गए।

इस पर जवान के परिवार से परिचित एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने जवान कट्टीमणि को वीडियो कॉल लगाया और मंत्री की सीधे बात कराई। अपनी गलती का अहसास होने पर नारायणस्वामी ने स्थिति संभालने की कोशिश की और जवान के बहादुरी की प्रशंसा की। साथ ही परिवार के सदस्यों को सम्मानित भी किया। जवान कट्टीमणि के घर से रवाना होने के बाद मंत्री ने गलती सूचना देने पर स्थानीय भाजपा नेताओं को डांट लगाई।

कट्टीमणि की पत्नी ने बताया कि उनके पति कश्मीर में तैनात हैं और उनकी शादी को अभी दो महीने ही हुए हैं। मंत्री हमारे घर आए और उनके बारे में जानकारी ली। इससे हमें कुछ भ्रम हुआ लेकिन पड़ोसियों ने कहा कि वह शायद सीमा इलाकों में तैनात जवानों के सम्मान के लिए यहां आए। जब उन्होंने नौकरी और जमीन देने का आश्वासन दिया तो मुझे लगा कि उन्हें गलत जानकारी दी गई और मंत्री से कहा कि मेरे पति कश्मीर में तैनात हैं, तब उन्होंने उनसे बात कराने को कहा।

उन्होंने कहा कि मंत्री की बातों को सुनकर पूरा परिवार तनाव में आ गया था। पति से बात करने के बाद सभी को राहत मिली। हालांकि नारायणस्वामी मृत जवान हीरेमंत के यहां नहीं गए। हीरेमंत की मां ने कहा कि हमारे घर कोई नहीं आया। कहा जा रहा है कि मंत्री जिंदा जवान के घर चले गए। बेटे को याद कर उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि हम केवल अपने बेटे को वापस चाहते हैं।

When the Union Minister reached the house of the alive jawan to mourn, then there was a feeling of mistake and…