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ये कैसा समाज? अंतिम संस्कार में तो पहले कोई नहीं आया, फिर श्राद्ध भोज में पहुंचे 150 लोग

नई दिल्ली: बिहार के अररिया से एक ऐसी खबर आई है, जिसने बताया है कि हम ऐसे समाज में जी रहे हैं, जहां मानवता का कोई आधार नहीं है। दरअसल, हाल ही में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें एक लड़की पीपीई किट पहनकर अपनी मां के शव को दफना रही थी। उसकी मां के अंतिम संस्कार में कोई भी शामिल नहीं हुआ, तब उसे अकेले मां को शव को दफनाना पड़ा। लेकिन अब जब उसने उनका श्राद्धकर्म किया तो उसमें 150 लोग पहुंच गए।

मां से पहले उसके पिता का निधन हो गया था। ये मामला विशनपुर पंचायत के वार्ड नंबर 14 का है। सोनी के पिता मेडिकल स्टोर चलाते थे। उनकी तबीयत बिगड़ी और कई दिन अस्पताल में रहने के बाद उनकी मौत हो गई, 4 दिन बाद मां की भी मौत हो गई। इससे लोगों में ऐसा डर फैला कि कोई उनकी लाश भी उठाने नहीं आया।

माता-पिता के जाने के बाद 3 बच्चे बचे। जानकारी के अनुसार, सोनी ने मां के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को बुलाया लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। इसके बाद उसने घर के के अहाते में ही गड्ढा खोदा और मां को दफना दिया। इसके बाद उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

बाद में उन्हें मदद मिलनी शुरू हुई। जिला प्रशासन से भी उन्हें आर्थिक मदद मिली। इसी से उन्होंने मां-पिता के श्राद्ध और ब्राह्मणभोज का आयोजन किया। इस आयोजन में गांव के 150 लोग शामिल हुए और भोजन किया।

What kind of society is this? At the funeral, no one came first, then 150 people arrived at the Shraddh Bhoja