जोधपुरः मारवाड़ इलाके में अक्षय तृतीया से एक दिन पहले दो मासूम जोड़ों की शादी करवाए जाने का मामला सामने आया है। शादी के वक्त गहरी नींद से उठाए जाने पर मासूम रोते देखे जा रहे हैं। जबकि परिजन गोद में उठा कर दोनों जाेड़ों के सात फेरों की रस्म अदायगी करा रहे हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि यह वीडियो पुराना है।
बाल विवाह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन सकते में आ गया। मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, प्रशासन ने आकातीज (अक्षय तृतीया) पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रत्येक गांव में तैनात सरकारी कर्मचारियों की तैनाती की है। ग्रामीणों ने इसका तोड़ निकालते हुए मुहूर्त से एक दिन पहले ही बड़ी संख्या में बाल विवाह संपन्न करवा दिए। जिला प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो काफी पुराना है और यह शादी कल नहीं हुई।
सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में दूध मुंह के दो जोड़ों की शादी हो रही है। ग्रामीण बड़ी मुश्किल से दूल्हा-दुल्हन को सात फेरों के लिए राजी करते नजर आ रहे हैं। एक दूल्हे को नींद आ गई। उसे नींद से जगाया गया तो वह रोने लग गया। बाद में उसे चुप करवाने के सारे प्रयास विफल रहे। इसके बाद रोते हुए दूल्हा और दुल्हन को गोद में उठा कर फेरों की रस्म अदायगी की गई। वहीं, एक अन्य बाल दूल्हे को नींद आने के कारण उसकी पगड़ी नीचे गिर कर खुल गई। उसे वापस बांध कर फेरों के लिए तैयार किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।
मारवाड़ में सदियों से बाल विवाह की परंपराः मारवाड़ में सदियों से बाल विवाह करने की परंपरा रही है। इसकी रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाता रहा है। काफी हद तक बाल विवाह पर अंकुश भी लगा है। इसके बावजूद कुछेक स्थान पर बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर शारदा ऐक्ट बनाया गया है, लेकिन इसका सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है