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कोरोना के नए स्ट्रेन के बढ़ रहे संकट के बीच आई राहत भरी खबर, स्वास्थय मंत्रालय ने कही ये बात

नई दिल्ली: ब्रिटेन में कोरोना का नया प्रकार सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर है और इस नए स्ट्रेन का संक्रमण रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय कर रहा है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर विजय राघवन ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना के नए प्रकार पर भी टीकों का असर होगा। अभी इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जो यह बताएं कि कोरोना के नए प्रकार पर ये टीके कारगर नहीं हैं। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह जरूरी है कि हम वायरस पर ज्यादा प्रतिरोधी दबाव न डालें। हमें उपचार का बुद्धिमानी पूर्वक इस्तेमाल करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘देश में रोजाना कोरोना के मामले 17 हजार से कम हो गए हैं। ऐसा छह महीने के बाद हुआ है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी घटकर 300 से नीचे आ गया है। 55 प्रतिशत मौतें 60 साल से ऊपर व्यक्तियों की हुई है और 70 प्रतिशत मौतें पुरुषों की हुई हैं। देश में कोरोना के एक्टिव केस अब 2.7 लाख से कम रह गए हैं। जबकि देश में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट पिछले सप्ताह 2.25 फीसदी रही।’ राघवन ने बताया कि ब्रिटेन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में ब्रिटेन में कोरोना के 40,000 नए केस मिले हैं। यह संख्या दूसरे देशों के लिए चिंता का विषय है। ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का यह नया प्रकार काफी तेजी से फैल रहा है।

भूषण ने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना का नया प्रकार सामने आने से पहले हमने अपनी प्रयोगशालाओं में करीब 5000 जिनोम तैयार कर लिए थे। अब हम इस संख्या को बढ़ाते हुए और बेहतर तालमेल के साथ काम करना शुरू करेंगे। आईसीएमआर के डीजी ने कहा कि उपचार की पद्धित यदि लाभकारी साबित नहीं होगी तो हमें इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से वायरस पर दबाव बनेगा और वह दूसरा रूप धारण करने की ओर अग्रसर होगा।