जालंधर: पाकिस्तान ने एक बार फिर भारतीय सीमा में नापाक हरकत करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सुरक्षाबलों ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। गुरुवार देर रात पाकिस्तान की ओर से पंजाब के कई ज़िलों, जिसमें पठानकोट, फिरोजपुर, कपूरथला और जालंधर शामिल हैं, में ड्रोन हमले किए गए। भारतीय रक्षा प्रणाली की मुस्तैदी के चलते दुश्मन देश के इन ड्रोन्स को सीमा पर ही तबाह कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान का मुख्य निशाना जालंधर के सुरानस्सी स्थित सेना का असला डिपो था। हालांकि, भारतीय सेना और वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता के कारण पाकिस्तान अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका और डिपो सुरक्षित है।
गुरुवार रात करीब 10 बजे शुरू हुई इस हरकत के बाद पठानकोट एयरबेस और मामून छावनी के पास कई जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। वहीं, फिरोजपुर में भी काफी देर तक धमाके होते रहे। जालंधर के सुरानस्सी इलाके, खासकर हीरापुर और पट्टकडकलां गांवों के पास, 50 के करीब धमाके सुने जाने की खबर है। इसी तरह, कपूरथला में भी कई धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जालंधर में एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया गया है। जालंधर सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यहां भारतीय सेना की वज्र कोर का मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल (BSF) का फ्रंटियर हेडक्वार्टर और आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन स्थित है।
संभावित खतरे को देखते हुए, एहतियाती कदम के तौर पर पंजाब के छह सीमावर्ती ज़िलों – पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का – के साथ-साथ कपूरथला और चंडीगढ़ में भी रात के समय ब्लैकआउट लागू किया गया था।
इससे पहले, बुधवार देर रात करीब 1.15 बजे पाकिस्तान की ओर से अमृतसर के अलग-अलग गांवों पर रॉकेट हमले किए गए थे। हालांकि, भारतीय वायु सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन रॉकेटों को आसमान में ही नष्ट कर दिया था। इन हमलों के बाद दुधाला, जेठूवाल, पंधेर और मक्खनविंडी गांवों से रॉकेटों का मलबा बरामद किया गया था। गनीमत रही कि इस हमले में किसी भी तरह का जानी या माली नुकसान नहीं हुआ।
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