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GST अधिकारियों के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, आखिरकार 4521 करोड़ के फर्जी जीएसटी बिल जारी करने वाला चढ़ा हत्थे

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसपर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने के लिए 4521 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी बिल जारी करने और इससे जुड़ा सिंडिकेट चलाने का आरोप है।

जीएसटी विभाग ने शुक्रवार को बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान के अनुसार टैली डाटा से पता चला कि इस सिंडिकेट के द्वारा 636 फर्मों का संचालन किया जा रहा था और गिरोह के सरगना ने माना कि वह केवल बिल जारी करता था, उसके एवज में किसी तरह के सामान की आपूर्ति नहीं की जाती थी। इन लोगों ने जो बिल जारी किया उसके एवज में 741 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा बनता है।

जीएसटी अधिकारियों ने मामले की जांच के दौरान इन फर्मों के लेजर में मौजूद 4.52 करोड़ रुपये इनपुट टैक्स क्रेडिट की राशि वापस ले ली जबकि फर्मों के बैंक खातों में जमा 7 करोड़ रुपए की राशि फ्रीज कर दी गई है। जांच के क्रम में सिंडिकेट के मास्टरमाइंड को 13 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस शख्स की गिरफ्तारी के लिए जीएसटी इंटेलीजेंस के महानिदेशक ने 6 जनवरी को दिल्ली में तलाशी अभियान चलाया था। इस तलाशी के दौरान पता चला कि एक व्यक्ति कई उपभोक्ताओं को अपने सर्वरों पर क्लाउड स्टोरेज की सेवा प्रदान करता है। ऐसे ही एक संदिग्ध सर्वर की जांच के दौरान कुछ फर्मों के टैली डाटा सामने आए।

संबंधित व्यक्ति ने बताया कि इस टैली डाटा का प्रबंधन कोलकाता का एक सिंडिकेट करता है। इसके बाद 10 जनवरी को कोलकाता में कई ठिकानों पर जांच की गई। इस जांच के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज, कई मोबाइल फोन, कई बैंकों के चेकबुक, फर्मों के स्टाम्प और सिम कार्ड बरामद किए गए। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच से पता चला कि सिंडिकेट दूर बैठकर इस डाटा का प्रबंधन करता था।

GST officers got a big success, finally the issuer of fake GST bills of 4521 crores was caught