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सरकार से सशर्त बातचीत को तैयार हुए किसान, इस दिन होगी बैठक- जानें क्या है किसानों का एजेंडा

नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसानों ने सरकार से फिर से बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। शनिवार को किसान नेताओं की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार से बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक का प्रस्ताव भेजा गया है। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को अपनी ओर से बैठक का एजेंडा भी भेजे हैं जिस पर वो बातचीत करना चाहते हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, MSP के लिए कानूनी गारंटी सरकार के साथ बातचीत का एजेंडा होना चाहिए। बता दें कि सरकार भी किसानों से कई बार अपील कर चुकी है कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़े और बातचीत शुरू करें। बिच में किसानों से सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा था कि वो आग से न खेले और आंदोलन को हल्के में न लें।

बैठक का एजेंडा:
1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि।
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान।
3. “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020” में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए ज़रूरी हैं।
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए ‘विद्युत संशोधन विधेयक 2020’ के मसौदे में ज़रूरी बदलाव।