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सड़क सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार लाई नया कानून, हाईवे डिजाइन से सड़क हादसे में मौत पर निर्माण कंपनी पर लगेगा 1 लाख का जुर्माना

नई दिल्लीः मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग की डिजाइन में खामी, मरम्मत अथवा रख-रखाव में लापरवाही के चलते सड़क हादसे में मृत्यु होने पर पहली बार निर्माण कंपनी-ठेकेदार पर 1,00,000 रुपए का जुर्माना तय किया है। यह नियम एक अक्तूबर से लागू हो गया है। इसके साथ ही राजमार्ग परियोजना से संबंधित इंजीनियर, कंसल्टेंट, हितधारकों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

 

 

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उक्त कानून को एक अप्रैल से लागू करना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते इसमें देरी हुई। उन्होंने बताया कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2020 के सेक्शन 198-ए में इसका प्रावधान किया गया है। मंत्रालय ने इस बाबत एक अक्तूबर से लागू करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग की डिजाइन में खामी के कारण सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत होने पर निर्माण कंपनी-ठेकेदार को अधिकतम एक लाख रुपये का जुर्माना व सजा का प्रावधान किया गया है।

 

 

त्रुटिपूर्ण डिजाइन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्लैक स्पॉट बन जाते हैं, जहां सर्वाधिक सड़क हादसों में मौते होती हैं। इसके अलावा राजमार्ग में गड्ढे, संकेतक, दिशा सूचक आदि नहीं होने के कारण अथवा निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल, मरम्मत में लापरवाही से दुर्घटना में मौत होने पर कंपनी पर जुर्माना ठोका जाएगा। नए कानून में राजमार्ग डिजाइन की मंजूरी देने वाले एनएचएआई अधिकारी, निजी कंसल्टेंट, डीपीआर बनने वाले कंसल्टेंट पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।

 

 

उन्होंने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 में कोई प्रावधान नहीं होने के कारण सब बचकर निकल जाते थे। अधिकारी ने बताया कि भविष्य में 198-ए सेक्शन का विस्तार कर राज्यों की एजेंसियों के अधिकारियों व ठेकेदारों पर जुर्माना व कानून के दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए राज्य राजमार्ग व जिला सड़कों को इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के मानक लागू किए जाएंगे।