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काम पर जा रहे बाइक सवार युवक को सांड ने उठाकर पटका, पेट में घुसाए सींग, दर्दनाक मौत; देखें तस्वीरें

रोहतक: सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशुओं की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे पशु भी घायल हो रहे हैं और लोगों की भी जान जा रही है। रोहतक शहर में तो हालात इस कदर खराब हैं कि हर सड़क और चौक-चौराहों पर शाम होते ही पशुओं के झुंड आ जाते हैं और वाहनों को निकलने तक का रास्ता नहीं मिलता। बीती 15 अगस्त को आईएमटी क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें एक सांड ने बाइक सवार एक युवक की जान ले ली।

 दरअसल, बलियाना गांव का मोहिताज अपने घर का इकलौता बेटा था. वह पीजीआई रोहतक में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी करता था. उस दिन इसकी नाइट शिफ्ट थी और वह मोटरसाइकिल पर घर से पीजीआई की तरफ निकला तो रास्ते में आईएमटी क्षेत्र में अचानक से झाड़ियों से निकले एक सांड ने उस पर हमला कर दिया.

दरअसल, बलियाना गांव का मोहिताज अपने घर का इकलौता बेटा था। वह पीजीआई रोहतक में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी करता था। उस दिन इसकी नाइट शिफ्ट थी और वह मोटरसाइकिल पर घर से पीजीआई की तरफ निकला तो रास्ते में आईएमटी क्षेत्र में अचानक से झाड़ियों से निकले एक सांड ने उस पर हमला कर दिया।

 ,[object Object], सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशुओं की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे पशु भी घायल हो रहे हैं और लोगों की भी जान जा रही है. रोहतक शहर में तो हालात इस कदर खराब हैं कि हर सड़क और चौक-चौराहों पर शाम होते ही पशुओं के झुंड आ जाते हैं और वाहनों को निकलने तक का रास्ता नहीं मिलता. बीती 15 अगस्त को आईएमटी क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें एक सांड ने बाइक सवार एक युवक की जान ले ली.

सांड ने मोहिताज के पेट में सींग घुसा दिया, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। गांव के ही एक शख्स ने उसे घायल अवस्था में देखा तो वह अपनी ऑटो में लेकर उसे एक निजी अस्पताल में पहुंचा। परिवार के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो वह भी अस्पताल में पहुंचे, लेकिन तब तक उसके शरीर के अंदर खून जमा हो चुका था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

 सांड ने मोहिताज के पेट में सींग घुसा दिया, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया. गांव के ही एक शख्स ने उसे घायल अवस्था में देखा तो वह अपनी ऑटो में लेकर उसे एक निजी अस्पताल में पहुंचा. परिवार के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो वह भी अस्पताल में पहुंचे, लेकिन तब तक उसके शरीर के अंदर खून जमा हो चुका था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

परिजन कभी अपनी किस्मत को कोस रहे हैं तो कभी अस्पताल की लापरवाही को तो कभी बेसहारा सड़कों पर घूम रहे सांडों को लेकर सरकारी सिस्टम को। मोहिताज के पिता नरेंद्र और चाचा जितेंद्र ने कहा कि उनका बेटा तो इस दुनिया से चला गया, लेकिन सरकार को सोचना चाहिए कि कितने घरों के चिराग ऐसे ही बुझते रहेंगे।

A young man riding a bike, returning home, was picked up by a bull, horns inserted in the stomach, painful death; View Photos