साल 2019 का प्रथम सूर्य ग्रहण 6 जनवरी दिन रविवार को पड़ेगा। भारतीय समयानुसार सायंकाल 05 बजकर 05 मिनट से रात्रि 09 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण है।यह ग्रहण चीन,जापान,कोरिया,रूस इत्यादि कुछ देशों में दिखेगा। भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं है।
आइए हम जानें ये दस खास बातें ,जानें क्या है सूर्य ग्रहण
- 2019 के पहले सूर्य ग्रहण का दुनिया 6 जनवरी 2019 यानि रविवार को साक्षी बनेगी। यह आंशिक ग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा।
- 6 जनवरी का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लिहाजा सूतक नहीं लगेगा और इस वजह से पूजा पाठ करने में किसी तरह की बाझा नहीं है।
- दुनिया के अलग अलग हिस्सों यानि अमेरिका के अलास्का, पूर्वी रूस, उत्तर पूर्वी चीन के कई इलाकों के साथ साथ मंगोलिया में देखा जा सकेगा।
- सूर्य ग्रहण के समय आमतौर पर लोगों को नंगी आंख से सूरज की तरफ नहीं देखना चाहिए क्योंकि सूरज की तरफ से आने वाली किरणें हानिकारक होती हैं।
- सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। सूर्य से निकलने वाली किरणों की वजह से जच्चा और बच्चा पर बुरा असर पड़ता है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी शख्स को पका हुआ खाना खाने से परहेज करना चाहिए। लेकिन अगर किसी कारणवश आप ये नहीं कर पाते हों तो पके हुए भोजन में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए।
- इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण 2 जुलाई 2019 को लगेगा, भारतीय समय के अनुसार ये रात में लगेगा, लिहाजा उस समय सूर्य ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा।
- इसके साथ ही तीसरा सूर्य ग्रहण साल के आखिरी महीने यानि दिसंबर में 26 दिसंबर 2019 को लगेगा। इस दिन का ग्रहण दिन में लगेगा लिहाजा उस ग्रहण को देखा जा सकता है।
- सूर्य ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए इसे लेकर हर किसी को जानने की उत्सुकता रहती है। धार्मिक विधान के मुताबिक लोगों को ग्रहण के बाद नहाना धोना चाहिए और दान इत्यादि करना चाहिए।
- वैज्ञानिक, ग्रहण को सिर्फ सूरज, धरती और चंद्रमा की चाल के साथ देखते हैं, वो मानते हैं कि ये सिर्फ खगोलीय गति पर आधारित घटना होती है। इसका धर्म से लेना देना नहीं होता है। मगर हिन्दू धर्म के मुताबिक इस समय किया हुआ जप तप लाखो गुणा फलदायी होता है
राशि के हिसाब से ये उपाय कर उठाये लाभ
मेष- श्री हनुमान जी की उपासना करें। मंगल के बीज मंत्र का जप करें। श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। गरीबों में लाल रंग के कम्बल का दान करें। गायत्री मंत्र का जप करना लाभप्रद है।
वृष- विष्णु तथा लक्ष्मी जी का ध्यान करें। श्री सूक्त का पाठ करें। शुक्र तथा शनि के बीज मंत्र का जप करें। चावल तथा अन्न का दान करें।
मिथुन- श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। गाय को पालक या हरा चारा खिलाएं। मूंग की दाल का दान करें। हरे वस्त्र का दान करें।
कर्क- शिव उपासना करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। चंद्रमा तथा गुरु के बीज मंत्र का जप करें। चावल तथा गुड़ का दान करें।
सिंह- श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का जप करें। सूर्य और गुरु के बीज मंत्र का जप करें। गायत्री मंत्र का जप हितकर है। गेहूं और गुड़ का दान करें।
कन्या- श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें। गाय को पालक खिलाएं। गरीबों में कम्बल तथा अन्न का दान करें।
तुला- श्री विष्णुसहस्त्रनाम और श्री सूक्त का पाठ करें। गरीब अंधे व्यक्तियों को ऊनी वस्त्र का दान करें तथा उनको अन्न का दान भी करें।
वृश्चिक- सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। गेहूं और गुड़ का दान करें। श्री हनुमान जी की उपासना करें। मंगल तथा सूर्य के बीज मंत्र का जप करें।
धनु- ग्रहण इसी राशि पे लग रहा है। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। सूर्य तथा गुरु के बीज मंत्र का जप करें। शिव उपासना लाभकारी रहेगा।
मकर- शनि के बीज मंत्र का जप करें। तिल का दान करें। महामृत्युंजय मंत्र तथा गायत्री मंत्र का जप करें।
कुम्भ- हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। तिल तथा उड़द का दान करें। शनि तथा शुक्र के बीज मंत्र का जप करें।
मीन- श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। गुरु और सूर्य के बीज मंत्र का जप करें। चने की दाल का दान करें। गो माता को केला खिलाएं।