लुधियाना: मांगों को लेकर किसानों के दिल्ली मार्च का आज दूसरा दिन है। किसान आंदोलन का असर अब पंजाब के कारोबार पर पड़ना शुरू हो गया है। 2 दिनों में ही लुधियाना के अंदर 4 हजार से ज्यादा ट्रकों के पहिए थम गए हैं। इनमें करोड़ों रुपए का कपड़ा, अलोहा, हैंडटूल, सिलाई मशीन और स्पोर्ट्स गुड्स जैसी आइटमें भरी पड़ी हैं, जो दिल्ली के रास्ते से होते हुए गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और कोलकाता को जानी है।
मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों की पजांब-हरियाणा सीमा के दो बिंदुओं पर हरियाणा पुलिस के साथ झड़प हुई थी। किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और पानी की बौछार की थी। पुलिस के साथ कई घंटों तक चली झड़प के बाद किसान नेताओं ने दिन भर के लिए विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया था। उन्होंने कहा कि वे बुधवार को शंभू सीमा से मार्च फिर से शुरू करेंगे।
किसान आंदोलन को लेकर राजनीति भी तेज हैं। इस बीच पंजाब सरकार ने एक बार फिर से भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पंजाब के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मान ने हरियाणा सरकार से भी अपील की कि वह पंजाब के किसानों पर लाठीचार्ज न करें और उन पर आंसू गैस के गोले व पानी की बौछार न करें। मान ने कहा कि आज पुलिस कार्रवाई में कई किसान घायल हुए हैं जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सभी अस्पतालों से घायल किसानों को बिना देरी मदद और इलाज मुहैया करवाने को कहा।
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Today is the second day of farmers’ movement, Punjab’s business is beginning to be affected; More than 4000 trucks stranded in Ludhiana