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आपने जो दवा खरीदी है वो असली है या नकली, अब QR कोड से होगी पहचान

नई दिल्‍ली: मेडिकल स्टोर या फिर किसी ऑनलाइन पोर्टल से खरीदी गई दवाएं असली है या नकली, यह जानना फिलहाल काफी मुश्किल काम है। लेकिन, आने वाले समय में आप झटपट दवाओं की गुणवत्‍ता के बारे में पता लगे सकेंगे। सरकार दवा कंपनियों के लिए अपनी दवाओं के पैकेट पर बार कोड या क्‍यूआर कोड प्रिंट करना अनिवार्य करने वाली है। शुरुआत में टॉप सेलिंग 300 ब्रांड्स पर बार कोड या क्‍यूआर कोड प्रिंट होंगे। बार कोड या क्‍यूआर कोड छपे होने से दवा खरीदने वाला अपने मोबाइल से कोड स्‍कैन करके मेडिसिन के असली या नकली होने का पता लगा सकेगा।

सरकार का इरादा बाजार में बिकने वाली नकली दवाओं पर हर हाल में लगाम लगाना है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्‍व में बिकने वाली नकली दवाओं में से 35 फीसदी भारत में बनी होती है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया, कि सभी तैयारियां कर ली गई हैं और अगले कुछ हफ्तों में इसे लागू कर दिया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में बारकोड प्रिंट करना अनिवार्य होगा, इसलिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले कुछ चुनिंदा दवाओं पर बार कोडिंग करके बाजार में उतारी जाएगी और फिर इस नियम को पूरी फार्मा इंडस्‍ट्री पर लागू किया जाएगा। इसके लिए इंडस्‍ट्री से जुड़े लोगों से चर्चा की जा रही है। पहले चरण में 300 ब्रांडों की सूची जारी की जाएगी जो क्यूआर या बार कोड को अपनाएंगे।

The medicine you have bought is real or fake now it will be identified by QR code