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चारधाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं की मौत, भूस्खलन के चलते रुकी बद्रीनाथ यात्रा फिर शुरु

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम शुरू होने के बाद से अब तक 41 श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य कारणों से मौत हो चुकी है। उत्तराखंड की हेल्थ डायरेक्टर जनरल डॉ. शैलजा भट्ट ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर अब तक 41 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। मौत का कारण हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं और पर्वतीय बीमारी रही हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल रूप से अयोग्य तीर्थयात्रियों को चार धाम यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है।

वहीं, बारिश थमने के बाद बद्रीनाथ यात्रा फिर शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि सोमवार रात को मूसलाधार बारिश और जगह जगह भूस्खलन के चलते यात्रा को रोक दिया गया था। मंगलवार सुबह 6 बजे फिर से बद्रीनाथ यात्रा शुरू की गई है।

उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के पर्व से शुरू हुई थी। चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्री उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री और गंगोत्री, जबकि रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ और चमोली के बद्रीनाथ जाते हैं। चार धामों की यात्रा पर आने वाले खासतौर से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के हेल्थ को लेकर चिंतित उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं। साथ ही मंदिरों में उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए निर्धारित अधिकतम श्रद्धालुओं की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी कर दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइंस में कहा गया है कि 2,700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित सभी चारों धाम- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में तीर्थयात्री अत्यधिक ठंड, कम हवा का दबाव और ऑक्सीजन की कम मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए वे मेडिकल जांच के बाद ही यात्रा शुरू करें।

So far 41 pilgrims died in Chardham Yatra, Badrinash Yatra stopped due to landslide