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तेज आवाज के कारण लेक्चरर की नौकरी छीनना यूनिवर्सिटी को पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

लंदन: ब्रिटेन की एक लेक्चरर को केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि उसकी आवाज तेज और कर्कश है। लेक्चरर ने यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया और अब कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया है। अदालत ने बतौर क्षतिपूर्ति उन्हें 100,000 पाउंड (1,01,53,080 रुपए) देने का भी आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 60 वर्षीय एनेट प्लाउट यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के फिजिक्स डिपार्टमेंट में 30 साल से पढ़ा रही थीं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने उन्हें केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया, क्योंकि उनकी आवाज अन्य महिलाओं की तुलना में तेज और कर्कश है। केस की सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी ने अदालत को बताया गया कि एनेट बहुत लाउड और झगड़ालू प्रवृति की हैं। इसके अलावा, वो फिजिक्स के प्रति अपना प्यार दर्शाने के लिए हाथ हिला-हिलाकर बात करती हैं। यूनिवर्सिटी के वकील ने यह भी कहा कि एनेट के कई सहकर्मियों को उनकी तेज आवाज से परेशानी होती थी। वहीं, बचाव पक्ष ने कहा कि एनेट के स्टूडेंट्स को कभी इससे कोई परेशानी नहीं हुई।

फिजिक्स टीचर को पहले निलंबित किया गया फिर दिसंबर 2019 में अनुशासनात्मक सुनवाई के बाद यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया कि उन्होंने पीएचडी छात्रों पर चिल्लाया था, जिसकी वजह से वे तनाव में आ गए। इसके बाद टीचर ने यूनिवर्सिटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया। कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद अब उनके पक्ष में फैसला सुनाया है।

Snatching the lecturer’s job due to loud noise cost the university dear, the court pronounced this decision