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स्वामी विवेकानंद के सौ साल बाद संत आसाराम बापू ने किया था शिकागो धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व: धनंजय देसाई

जालंधर: श्री योग वेदान्त सेवा समिति द्वारा आयोजित स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस और राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय देसाई के मुख्य आतिथ्य में हुए कार्यक्रम में हिंदू धर्म और जीवन पद्धति पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर देसाई ने कहा कि 1893 में विश्व धर्म संसद शिकागो में भारत का प्रतिनिधित्व स्वामी विवेकानंद ने किया था उसके ठीक सौ साल बाद 1993 में शिकागो धर्म संसद में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व संत श्री आशाराम जी बापू ने किया था।

आज हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले लोग यह भूल रहे हैं कि संतो की बिना हिंदू राष्ट्र की कल्पना करना भी निरर्थक है। युवाओं को सच्चा मार्गदर्शन प्रदान करने वाले एक राष्ट्रीय संत जिन्होंने अपनी तपस्या के बल पर व्यापक हिंदू जनमानस में राष्ट्रीयता और धर्म के मूल्यों का संचार किया आज उन्ही को कारावास में डाला गया है। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा था कि बापू जी के खिलाफ हुए षड्यंत्र में राष्ट्र विरोधी शक्तियों और ईसाई मिशनरियों का हाथ है।

उन्होंने कहा कि युवाओं को वैलेंटाइन की जगह मातृ – पितृ पूजन दिवस व 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने की प्रेरणा देने वाले पूज्य बापू जी ही सच्चे अर्थों में राष्ट्रसंत है, उनको शीघ्रातिशीघ्र सम्मान रिहा करना चाहिए।

Sant Asaram Bapu represented India in Chicago Parliament of Religions 100 years after Swami Vivekananda Dhananjay Desai