मुंबईः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश को मंजूरी देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। राष्ट्रपति की इस मंजूरी के साथ राज्य में सरकार बनाने की सभी संभावनाओं पर विराम लग गया। महाराष्ट्र में 1980 के बाद पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है। हालांकि शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
शिवसेना सरकार बनाने की योग्यता साबित करने लिए और वक्त ना दिए जाने से नाराज है। भाजपा द्वारा सरकार बनाने से इंकार के बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया था। जिसकी समय सीमा सोमवार को शाम 7.30 बजे तक थी। हालांकि तय समय के भीतर शिवसेना सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन नहीं जुटा पाई। इसके बाद शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर दो दिन का और समय देने की मांग की। हालांकि राज्यपाल ने इससे इंकार कर दिया।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हुए कहा था कि कि प्रदेश में संवैधिनक रूप से सरकार बनने के आसार नहीं है। लिहाजा, धारा 356 (राष्ट्रपति शासन) लागू किया जाए। सूत्रों ने बताया कि सहयोगियों ने शिवसेना को समर्थन देने के बदले सरकार में 50-50 यानी आधी हिस्सेदारी की मांग की है। सूत्रों ने बताया कि ऐसा होता है तो महाराष्ट्र में सरकार बनने का रास्ता साफ होने के आसार हैं।