जालंधर (अमन बग्गा): आत्म – देखभाल का मतलब अपने आप से प्यार करना है, यह बताता है कि आप खुद के लिए मूल्यवान है। शारीरिक आत्मशक्ति एक दिव्य शक्ति है जो प्रचुर मात्रा में स्वास्थ्य के लिए ग्रहणशील है और यह आत्म – देखभाल हर किसी के जीवन में प्राथमिकता होनी चाहिए, इस संदर्भ में, इंनोसेंट हाट्र्स कालेज ऑफ एजुकेशन, जालंधर में भौतिक आयाम को समझने के लिए एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
सिम्मी जोशी, संगोष्ठी के रिसोरस परसन ने विद्यार्थी -अध्यापकों को कुछ शारीरिक बिमारियों के आयुर्वेदिक उपचारो के बारे में उन्मुख किया ताकि उन्हे उनके शारीरिक आत्म के बारे में किया जा सके । उन्होंने विद्यार्थी -अध्यापकों को ‘दिनचर्या में संतुलित आहार कैसे अपना सकते है के बारे में बताया। उन्होंने कैंसर और मधुमेह के नियंत्रण और रोकथाम के बारे में भी बताया।