पटियाला: पटियाला हिंसा के पीछे क्या बीजेपी का हाथ है। दरअसल आम आदमी पार्टी का कहना है कि पटियाला जिले में दो समूहों के बीच झड़पों के पीछे भाजपा का हाथ है और दावा किया कि भगवंत मान सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) जल्द ही इस संबंध में एक बड़ा खुलासा करेगा। बता दें कि एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। पटियाला हिंसा ने शिवसेना के एक नेता की गिरफ्तारी भी हुई है।
शिवसेना ने स्वतंत्र जांच की मांग की
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रकांत चड्ढा ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष योगराज शर्मा ने 26 अप्रैल को डीजीपी से मुलाकात की थी और पार्टी के रुख को स्पष्ट किया था कि वह खालिस्तान के खिलाफ हरीश सिंगला के कदम का समर्थन नहीं कर रही है। चड्ढा ने घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की। चड्ढा ने कहा कि इसकी जांच की जानी चाहिए कि क्या हरीश सिंगला और बलजिंदर सिंह परवाना के नेतृत्व वाला दूसरा समूह उन ताकतों के निर्देश पर काम कर रहा था जो अपने छोटे राजनीतिक लाभ के लिए राज्य को आतंकवाद के काले दिन में फेंकना चाहते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्थिति की जानकारी थी तो इसे होने से रोकने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
29 अप्रैल की घटना
29 अप्रैल को पटियाला में काली देवी मंदिर के पास, खालिस्तान विरोधी मार्च को लेकर दो समूहों में भिड़ंत हो गई थी, एक-दूसरे पर पत्थर फेंके गए और तलवारें लहराईं, जिससे पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने झड़प के सिलसिले में मुख्य साजिशकर्ता बरजिंदर सिंह परवाना और पांच अन्य को गिरफ्तार किया था।
AAP’s sensational allegation before SIT report, behind Patiala violence…