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सत्ता संभालते ही एक्शन में Joe Biden, क्लाइमेट चेंज समेत बदले ट्रंप के ये बड़े फैसले

न्यूयॉर्क: अमेरिका में नई सरकार बन गई है और जो बाइडेन ने बीते दिन 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है। भारतीय मूल की कमला हैरिस उनके साथ उपराष्ट्रपति बनी हैं, जिन्होंने इतिहास रच दिया है। जैसा कि उम्मीद थी कि जो बाइडेन सत्ता संभालते ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों को पलट देंगे, बिल्कुल वैसा ही हुआ है। राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद जो बाइडेन ने सीधे ओवल ऑफिस में कामकाज संभाला और एक्शन में आ गए। जो बाइडेन ने राष्ट्रपति के रूप में कई ऐसे फैसलों पर साइन कर दिए हैं, जिसकी अमेरिका में लंबे वक्त से डिमांड चल रही थी और चुनावी कैंपेन में बाइडेन ने वादा भी किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही दिन कई फैसलों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें प्रमुख तौर पर पेरिस जलवायु समझौता है। व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में अमेरिका की फिर से वापसी होगी। बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल होने का ऐलान किया। उन्होंने देश की जनता से चुनाव के दौरान यह वादा किया था। इतना ही नहीं, जो बाइडेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तेज करने के इरादे से एक महामारी कंट्रोल करने के एक फैसले पर दस्तखत किया। इस आदेश के मुताबिक, उन्होंने मास्क को और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य कर दिया है।

इसके अलावा, जो बाइेडन ने डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए अमेरिका में ‘मुस्लिम ट्रैवल बैन’ को भी खत्म कर दिया। ट्रंप ने इसके तहत कुछ मुस्लिम देशों और अफ्रीकी देशों के अमेरिका में ट्रेवल पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं, बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने के ट्रंप के फैसले को भी पलट दिया और इसके लिए फंडिंग भी रोक दी। इस फैसले के बाद मैक्सिको ने जो बाइडेन की प्रशंसा की है।

इतना ही नहीं, अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन के विस्तार पर भी रोक लगाने के आदेश पर दस्तखत किए हैं। कीस्टोन एक तेल पाइपलाइन है, जो कच्चे तेल को अल्बर्टा के कनाडाई प्रांत से अमेरिकी राज्यों इलिनोइस, ओक्लाहोमा और टेक्सास तक ले जाती है। बाइडन ने कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन के खिलाफ बात की थी और यहा कहा था ‘टार सैंड्स’ की हमें जरूरत नहीं है। बाइडन के राष्ट्रपति अभियान का एक प्रमुख वादा कीस्टोन एक्सएल परियोजना को रद्द करने की प्रतिबद्धता थी।

यह माना जा रहा था कि बाइडन पूर्व सरकार की ओर से शुरू की गई कई परियोजनाओं से हाथ खींच सकते हैं। जैसे, अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास वित्तपोषण के माध्यम से अर्जेंटीना में फ्रैकिंग और तेल-गैस उत्पादन को प्रोत्साहित करता है, जो पिछली बार वाका मुएर्ता परियोजनाओं के लिए हुआ। निर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सहित कई अमेरिकी सीनेटरों ने इसके खिलाफ एक याचिका पर हस्ताक्षर किए थे।