
जालंधर: दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक, “टर्बन टॉरनेडो” के नाम से मशहूर फौजा सिंह का सोमवार देर रात 114 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जालंधर में अपने पैतृक गांव के पास सैर के दौरान एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी थी। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद खबर से खेल जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।
पुलिस ने फौजा सिंह के बेटे धरमिंदर सिंह की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फौजा सिंह ब्यास पिंड में अपने बेटे के साथ रहते थे। उनके अन्य बेटे और बेटियों के विदेश से लौटने के बाद मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
फौजा सिंह के छोटे बेटे हरबिंदर सिंह ने बताया कि उनके पिता सोमवार को लगभग तीन बजे खाना खाने के बाद सैर के लिए निकले थे। जब वह हाईवे के पास पहुंचे, तो एक तेज रफ़्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में उनके सिर, छाती और पसलियों में गंभीर चोटें आईं, जो उनकी मृत्यु का कारण बनीं।
आदमपुर थाने के एसएचओ हरदेव सिंह ने बताया कि फौजा सिंह के बेटे से सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं। फिलहाल, टक्कर मारने वाली कार का पता नहीं चल पाया है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और मामले की गहनता से जांच कर रही है।
फौजा सिंह ने 80 साल की उम्र में दौड़ना शुरू करके पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की थी। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मैराथन में हिस्सा लिया और अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज किए। साल 2012 के लंदन ओलंपिक में वह मशालवाहक भी बने, जो उनके जीवन के सबसे गौरवपूर्ण क्षणों में से एक था। उनके पास इंग्लैंड की नागरिकता भी थी, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से वह जालंधर में ही अपने बेटे और बहू के साथ रह रहे थे। उनके निधन ने खेल की दुनिया में एक कभी न भरने वाला शून्य छोड़ दिया है।
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‘Turban Tornado’ Fauja Singh is no more




