You are currently viewing केदारनाथ यात्रा में सेवाएं दे रहे 14 घोड़े और खच्चरों की मौत से हड़कंप, प्रशासन से उठाया बड़ा कदम; लिया ये फैसला

केदारनाथ यात्रा में सेवाएं दे रहे 14 घोड़े और खच्चरों की मौत से हड़कंप, प्रशासन से उठाया बड़ा कदम; लिया ये फैसला

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में सेवाएं दे रहे घोड़ों और खच्चरों में ‘अश्व इन्फ्लूएंजा’ वायरस संक्रमण की शिकायतों और लगातार हो रही पशुओं की मौतों को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। पशुपालन सचिव ने संबंधित अधिकारियों के साथ देर रात बैठक करने के बाद यात्रा मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों की आवाजाही पर अगले 24 घंटों के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

दरअसल, केदारनाथ यात्रा में संचालित हो रहे घोड़ों और खच्चरों में बीमारी और मौतों की लगातार मिल रही सूचनाओं के बाद पशुपालन सचिव सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचे थे। यहां उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ देर रात तक गहन समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान पशुओं की मौत के कारणों का पता लगाने और प्रभावी उपाय करने के लिए भारत सरकार के चिकित्सकों की एक विशेष टीम रुद्रप्रयाग जिले में पहुंच रही है। सचिव डॉ. पुरुषोत्तम ने जानकारी दी कि रविवार को आठ और सोमवार को छह घोड़ों व खच्चरों की मौत हुई है। इन मौतों के सही कारणों की जांच कराई जाएगी।

बताया गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पशुपालन विभाग पिछले एक महीने से लगातार आवश्यक कदम उठा रहा है। चार अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच विभाग ने लगभग 16 हजार घोड़ों और खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था और स्क्रीनिंग नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि पशुओं की मौत रोकने और मामले की जांच के लिए भारत सरकार के वैज्ञानिकों की एक टीम मंगलवार को रुद्रप्रयाग पहुंचेगी।

मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अगले 24 घंटों तक पशुओं की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। इस दौरान अस्वस्थ पशुओं को अलग कर क्वारंटीन किया जाएगा। यह प्रतिबंध तब तक जारी रह सकता है जब तक राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, हिसार को भेजी गई जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो जाती। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही प्रतिबंध हटाने पर फैसला लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अधिनियम की धाराओं के तहत, अस्वस्थ पशु को अलग रखने और उससे काम न लेने की पूरी जिम्मेदारी पशु मालिक की होगी। यदि इसका उल्लंघन पाया जाता है तो संबंधित पशु मालिक के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Jaspreet Singh (@akstudyvisa1)

There was a stir due to the death of 14 horses and mules