
मुंबई: त्योहारी सीजन में सस्ते कर्ज की उम्मीद लगाए बैठे करोड़ों लोगों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से राहत नहीं मिली है। आज 1 अक्टूबर को खत्म हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव न करने का ऐलान किया। रेपो रेट 5.50% पर बरकरार रहेगा, जिसका सीधा मतलब है कि आपकी होम, कार और पर्सनल लोन की EMI फिलहाल कम नहीं होगी।
हालांकि, RBI ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर दो बड़ी खुशखबरी दी हैं। महंगाई दर अनुमान से भी तेजी से घटी है और देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया गया है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर हालात काफी सुधरे हैं। मुख्य मुद्रास्फीति जो जून में 3.7% थी, वह अगस्त में घटकर 3.1% पर आ गई। गवर्नर के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने और जीएसटी में कटौती के कारण महंगाई दर में यह गिरावट आई है। आरबीआई ने आने वाले समय के लिए महंगाई के अनुमान को भी घटा दिया है:
पूरे साल (FY26) का अनुमान: 3.1% से घटाकर 2.6% किया गया।
अक्टूबर-दिसंबर (Q3) का अनुमान: 3.1% से घटाकर 1.8% किया गया।
महंगाई पर राहत के साथ-साथ आरबीआई ने देश की आर्थिक विकास दर को लेकर भी भरोसा जताया है। चालू वित्त वर्ष (FY26) के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया गया है। यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
जुलाई-सितंबर (Q2) का अनुमान: 6.7% से बढ़ाकर 7.0% किया गया।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बैंक लोन की ग्रोथ मजबूत बनी हुई है और बाजार में नकदी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई में देश में रिकॉर्ड एफडीआई आया, जो 38 महीनों में सबसे ज्यादा है। गवर्नर ने साफ किया कि आरबीआई रुपये की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, सस्ते कर्ज के लिए आम आदमी को अगली मौद्रिक नीति बैठक का इंतजार करना होगा।
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RBI’s big announcement before the festive season










