नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर एक-दूसरे के जबर्दस्त प्रतिद्वंद्वी रहे भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी अब मैदान के बाहर आमने-सामने हैं। दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने हाल में अपनी आत्मकथा में गौतम गंभीर के बारे में नकारात्मक बातें लिखी हैं जिनका जवाब देते हुए गौती ने खुद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान अफरीदी को ‘मनोचिकित्सक’ के पास ले जाने की पेशकश की है।
गंभीर इस समय दिल्ली की पूर्वी दिल्ली सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. गंभीर की पहचान दोटूक अंदाज में अपनी बात कहने वाले शख्स के रूप में है. शाहिद अफरीदी ने अपनी आत्मकथा ‘गेम चेंजर’ में व्यंग्यात्मक रूप में गंभीर के बारे में लिखा कि वह ‘इस तरह का व्यवहार करते हैं जैसे वह डॉन ब्रैडमैन और जेम्स बांड दोनों की काबिलियत’ रखने वाला है और उसका रवैया भी अच्छा नहीं है और न ही उसके कोई महान रिकॉर्ड हैं. पूर्व भारतीय क्रिकेटर गंभीर ने अफरीदी को टैग करते हुए अपने अधिकारिक ट्विटर पर इसका जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘…तुम मजाकिया व्यक्ति हो!! कोई नहीं, हम अब भी पाकिस्तानी लोगों को चिकित्सा के लिये वीजा दे रहे हैं, मैं खुद तुम्हें मनोचिकित्सक के पास लेकर जाऊंगा।’
गंभीर और अफरीदी के बीच मैदान के अंदर और बाहर अच्छा तालमेल नहीं रहा है और अफरीदी की इस तरह की टिप्पणी में यह साफ झलकता है। वर्ष 2007 में कानपुर में द्विपक्षीय वनडे सीरीज में दोनों के बीच बहस हो गयी थी (हालांकि अफरीदी की किताब में एशिया कप मैच बताया गया है जो गलत है)। अफरीदी ने हाल में स्वीकार किया कि उन्होंने उम्र से संबंधित धोखाधड़ी की थी और जब उन्होंने अपने पर्दापण मैच में शतक जड़ा था तो वह 16 के नहीं बल्कि 21 साल के थे. जबकि वर्षों से माना जा रहा था कि वह तब 16 साल के थे।
गौरतलब है कि किताब ‘गेमचेंजर’ में गंभीर पर हमला बोलते हुए शाहिद अफरीदी ने लिखा था, कि कुछ प्रतिद्वंद्विता निजी होती है, तो कुछ पेशेवर. इनमें से ही एक रोचक मामला गौतम गंभीर से जुड़ा है. उनके साथ एटिड्यूड प्रॉब्लम है, जबकि उनका कोई व्यक्तित्व नहीं है. क्रिकेट में गंभीर जैसा व्यक्तित्व आपको बमुश्किल ही मिलता है. वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका कोई शानदार रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन उनमें एटिट्यूड बहुत ही ज्यादा है।