अमृतसर: भारत ने एक बार फिर अफगानिस्तान के प्रति अपना सद्भाव और उदारता दिखाते हुए अटारी-वाघा सीमा के रास्ते 160 अफगानी ट्रकों को भारत में विशेष प्रवेश की अनुमति दी है। ये ट्रक मुख्य रूप से सुखे मेवे और नट्स जैसे उत्पाद लेकर भारत पहुंचे हैं। यह महत्वपूर्ण कदम भारत और तालिबान प्रतिनिधियों के बीच हाल ही में हुई पहली राजनयिक स्तर की बातचीत के ठीक बाद उठाया गया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से टेलीफोन पर बातचीत की थी। भारत और तालिबान प्रतिनिधियों के बीच यह पहला औपचारिक राजनयिक संपर्क था। मुत्ताकी ने ईरान और चीन की अपनी आगामी यात्रा से पहले जयशंकर को फोन किया था, जिसे भारत ने काफी अहमियत दी है। इस बातचीत के ठीक अगले दिन, भारत ने अफगानी ट्रकों को अटारी सीमा से भारत में प्रवेश करने की विशेष अनुमति दे दी।
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में पाकिस्तान ने वाघा सीमा पर इन ट्रकों की क्लियरेंस में कुछ देरी की, लेकिन शुक्रवार को अफगानिस्तान दूतावास के आग्रह पर कुछ ट्रकों को अटारी सीमा पर आकर अपना सामान उतारने की अनुमति दे दी गई।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद, भारत ने 24 अप्रैल को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते सभी तरह के व्यापार और आवाजाही पर रोक लगा दी थी। भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। भारत ने ट्रांसशिपमेंट सुविधाओं सहित सभी व्यापार को निलंबित कर दिया था। इन सख्त प्रतिबंधों के बावजूद, भारत ने अफगानिस्तान को यह विशेष छूट दी है।
भारत दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जिससे दोनों देशों के बीच लगभग 1 अरब डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है। भारत में मुख्य रूप से अफगानिस्तान से सुखे मेवे, सेब और अन्य कृषि उत्पाद आयात किए जाते हैं। अटारी-वाघा सीमा भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार के लिए सबसे सस्ता और तेज रास्ता है। सीमा बंद होने से पहले, हर रोज 40-45 अफगानी ट्रक इसी रास्ते से अटारी पहुंचते थे।
अप्रैल में सीमा बंद होने के बाद भी, पाकिस्तान ने उन 150 अफगानी ट्रकों को भारत में प्रवेश की अनुमति दी थी जो 25 अप्रैल से पहले पाकिस्तान में दाखिल हुए थे। इस बार भी, पाकिस्तान ने अफगान दूतावास के विशेष आग्रह पर कुछ ट्रकों को मंजूरी दी है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार और आम लोगों की आवाजाही पर लगाई गई पाबंदियां अभी भी जारी हैं।
बता दें कि भारत 2021 से लगातार अफगानिस्तान को मानवीय सहायता भेज रहा है। इस अवधि में भारत ने 50,000 टन गेहूं, 350 टन दवाएं, 40,000 लीटर मैलाथियन (कीटनाशक) और भूकंप पीड़ितों के लिए 28 टन राहत सामग्री भेजी है। इसके अलावा, भारत ने 2,000 अफगानी छात्रों को ऑनलाइन छात्रवृत्ति भी प्रदान की है। सूत्रों के अनुसार, अफगान पक्ष ने भारत की इस सहायता की सराहना की है।
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