लुधियाना: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना नगर निगम में तैनात तीन अधिकारियों पर 3.16 करोड़ रुपये से अधिक के फंड की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। इस मामले में कार्यकारी इंजीनियर (एक्सईएन) रणबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी रविंदरपाल सिंह संधू ने बताया कि यह मामला लुधियाना नगर निगम के जोन सी में तैनात एक इलेक्ट्रिक पंप ड्राइवर की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एक्सईएन रणबीर सिंह ने विभिन्न ट्यूबवेल कार्यों के लिए पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को भुगतान करने के लिए नगर निगम के खातों से अग्रिम भुगतान के रूप में 3.16 करोड़ रुपये निकाले थे, लेकिन इस रकम का दुरुपयोग किया गया।
एसएसपी संधु ने आगे बताया कि विजिलेंस की जांच में पाया गया कि पीएसपीसीएल द्वारा ट्यूबवेल कार्यों के लिए अग्रिम भुगतान करने के लिए नगर निगम को कोई भी प्रस्ताव या मांग नहीं भेजी गई थी। इस आधार पर विजिलेंस ने सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर राजिंदर सिंह, एक्सईएन रणबीर सिंह और डिप्टी कंट्रोलर फाइनेंस एंड अकाउंट्स (डीसीएफए) पंकज गर्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।
एसएसपी रविन्द्र पाल सिंह संधु ने बताया कि जांच में पता चला कि रणबीर सिंह ने खुद फाइल पर नोटिंग पर पीएसपीसीएल द्वारा फर्जी मांग दिखाई थी और इसे वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी के लिए अधीक्षक अभियंता राजिंदर सिंह को भेज दिया था। राजिंदर सिंह ने अग्रिम भुगतान वापस लेने के संबंध में फाइल पर उनके सामने रखे गए दस्तावेजों को सत्यापित नहीं किया। बल्कि उन्हें जॉइंट कमिश्नर और MC के कमिश्नर की मंजूरी के लिए भेज दिया। आरोपी एक्सईएन और एसई ने अपने विभाग के नियमों की जानकारी होने के बावजूद अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और मामले को मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दिया।
उन्होंने कहा कि एमसी रिकॉर्ड के अनुसार, अभी भी उक्त आरोपी रणबीर सिंह की ओर अस्थायी अग्रिम के रूप में निकाले गए 4,34,692 रुपए बकाया हैं। इस संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा और आईपीसी की धारा के तहतसभी आरोपियों खिलाफ वीबी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के दौरान एमसीएल में उस समय तैनात अन्य संदिग्ध अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। विजिलेंस ब्यूरो इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
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Punjab Vigilance arrested Municipal Corporation’s XEN the case is of misappropriation of funds worth more than Rs 3.16 crore