नई दिल्ली: त्योहारों के अलावा भी ऑनलाइन खरीदारी में तेज इजाफा हुआ है। साथ ही ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदने के पहले अब ज्यादातर ग्राहक उसके बारे में ई-कॉमर्स के प्लेटफॉर्म पर दिए गए विश्लेषण यानी रिव्यू को आधार बनाकर फैसला करते हैं। ऐसे में कई बार वह उत्पाद के फर्जी रिव्यू के झांसे में आकर खरीदारी कर लेते हैं जो मानकों पर खरा नही होते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ऐसे रिव्यू पर नकेल करने की तैयारी में है।
बीआईएस ने अपना मसौदा जारी करके सभी हितधारकों से इसपर 10 नवंबर तक सुझाव मांगा है। उल्लेखनीय है कि अच्छे रिव्यू के चलते इन उत्पादों की रेटिंग चार से 5 स्टार तक होती है। इसके अलावा जो रिव्यू देते हैं उन्हें कंपनियां बेहतर रिव्यू देने के लिए रिवॉर्ड्स (पैसा) देती है, लेकिन बीआईएस ऑनलाइन खरीदारी में किसी उत्पाद या सेवा के रिव्यू के तौर तरीकों में पारदर्शिता लाने के लिए सख्ती की तैयारी में है। मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि ई-कॉमर्स किसी भी उत्पाद या सेवा की रेटिंग रिव्यू में रिवॉर्ड्स या भुगतान के आधार पर दी गई रेटिंग्स को नहीं जोड़ सकेंगे। इसके अलावा रिवॉर्ड के आधार पर दी गई रेटिंग को अलग से दर्शाया जाएगा जिससे ग्राहक उसे बाकी रिव्यू से अलग पहचान सकें। रिवॉर्ड कैश, उत्पाद या फिर किसी प्रतिस्पर्धा के आधार पर तय होनी चाहिए।
बीआईएस ने ऑनलाइन रिव्यू के मानकों को लेकर जो मसौदा तैयार किया है उसमें सुझाव दिया है कि ई-कॉमर्स के संचालक-प्रशासक किसी उत्पाद या सेवा की कुल रेटिंग का आकलन करते समय रिवॉर्ड्स के आधार पर दिए गए रेटिंग को इसमें नहीं जोड़ेंगे। इसमें कहा गया है कि ऐसे रिव्यू की रेटिंग अलग से हो जिससे ग्राहक यह समझ जाएं कि यह बाकी रिव्यू से अलग है।
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