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निवेशकों के हित में अडाणी ग्रुप का बड़ा फैसला, 20000 करोड़ का FPO किया रद्द

नई दिल्ली: अडानी ग्रुप अपना 20,000 एफपीओ के साथ आगे न बढ़ने का फैसला किया है। अडानी बोर्ड इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने कहा है कि वह अपने फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को रद्द कर रहा है। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि ‘बाजार के उतार-चढ़ाव एवं मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए वह अपने एफपीओ को वापस ले रहा है और शेयर खरीदने वाले निवेशकों का पैसा लौटाएगा।’ ग्रुप ने कहा है कि उसने अपने निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया है।

बता दें कि गत 27 जनवरी को गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ जुटाने के लिए एफपीओ जारी किया था। कंपनी की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दे दी गई है। इस जानकारी में बताया गया है कि 1 फरवरी को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक हुई,जिसमें शेलर सेल को वापस लेने का फैसला लिया गया। कंपनी ने कहा है कि वो निवेशकों के पैसे को वापस कर देगी। कंपनी का यह अब तक का सबसे बड़ा फॉलो-ऑप-ऑफर था।

क्या है FPO?
एफपीओ (FPO) का फुल फॉर्म- फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर है। इसके जरिये पहले से शेयर बाजार में लिस्टेडड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं। कंपनी एक प्राइस बैंड तय करती है और एफपीओ का प्रचार किया जाता है। इसे द्वितीयक पेशकश के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध मौजूदा कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है। बता दें कि किसी भी कंपनी का पहला ऑफर आईपीओ कहलाता है। इसके बाद ही कंपनी लिस्टेड होती है। लिस्टेड होने के बाद शेयर बेचने का पब्लिक ऑफर एफपीओ कहलाता है। एफपीओ का मुख्य मकसद अतिरिक्त राशि जुटाना होता है।