टेक्सास: अमेरिका के टेक्सास में एक भयानक सड़क हादसा हुआ है जिसमें एक महिला समेत चार भारतीयों की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, सभी यात्री कारपूलिंग एप के माध्यम से जुड़े हुए थे और हादसे में पांच वाहन शामिल थे। यह घटना तब हुई जब वे बेंटनविले, अर्कांसस जा रहे थे। बताया जा रहा है कि एक एसयूवी और ट्रक की टक्कर के कारण यह हादसा हुआ। सभी यात्री एसयूवी में सवार थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शवों की पहचान करना बेहद मुश्किल है और यह केवल डीएनए टेस्ट के माध्यम से संभव हो सकेगा।
पिछले शुक्रवार को हुई इस घटना में मृतकों की पहचान आरीयन रघुनाथ ओरामपाती, फारूक शेख, लोकश प्लाचरला और दर्शन वासुदेवन के रूप में की गई है। ओरामपाती और उनके दोस्त शेख डलास में अपने चचेरे भाई से मिलने के बाद वापस लौट रहे थे। लोकश अपनी पत्नी से मिलने बेंटनविले जा रहे थे और दर्शन वासुदेवन बेंटनविले स्थित अपने चाचा से मिलने जा रही थीं। वे सभी एक कारपूलिंग एप के माध्यम से जुड़े थे।
आरीयन के पिता सुबाश चंद्र रेड्डी हैदराबाद स्थित मैक्स एग्री जेनेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं। आरीयन ने कोयंबटूर के अमृता विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी। आरीयन के एक रिश्तेदार ने कहा, उसके माता-पिता मई में टेक्सास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए अमेरिका में थे। दीक्षांत समारोह के बाद उन्होंने उसे भारत लौटने के लिए कहा, लेकिन उसने कहा कि वह दो साल और अमेरिका में काम करना चाहता है। शायद यह किस्मत को मंजूर था।
आरीयन का दोस्त शेख भी हैदराबाद का रहने वाला था और बेंटनविले में रह रहा था। तमिलनाडू की दर्शन वासुदेवन टेक्सास के फ्रिस्को में रह रही थी। फारूक शेख के पिता मस्तान वाली ने बताया कि वह तीन साल पहले अमेरिका आया था। वह अपनी एमएस की डिग्री पूरी करने के लिए अमेरिका आया था।
रिपोर्टों के अनुसार, एक तेज रफ्तार ट्रक ने एसयूवी को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे सभी पांच यात्री घायल हो गए। कार में आग लग गई और सभी यात्री जलकर मर गए। अधिकारी अब डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और दांतों तथा हड्डियों का विश्लेषण कर रहे हैं। शवों की पहचान के लिए, एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, “शवों की पहचान करने के लिए माता-पिता के नमूनों की तुलना की जाएगी।” दर्शन वासुदेवन के माता-पिता ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मदद की अपील की है।
4 Indians died in a road accident in America, bodies will be identified through DNA test