नई दिल्ली: कोरोना महामारी आम आदमी की बचत खा गई। दूसरी लहर में इन्हें सबसे ज्यादा झटका लगा। नौकरी छूटने और कारोबार बंद होने से आम आदमी की बचत तेजी से घटी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी लहर के बाद आम आदमी की बचत 8.4 ‘फीसदी गिरी है। रिजर्व बैंक के मार्च बुलेटिन के अनुसार भी 2020-21 की पहली तिमाही में भारतीय परिवारों की बचत जीडीपी के 21% पर पहुंच गई थी। दूसरी तिमाही में यह 10.4% पर आ गई। इस दौरान परिवारों पर कर्ज बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) के 37.1% पर पहुंच गया था।
बैंक जमा में भी गिरावट
आय घटने से बैंकों में जमा रकम पर भी असर हुआ है। 21 मई को खत्म हुए पखवाड़े में बैंक जमा की वृद्धि दर 9.7 फीसदी रही। वहीं, 7 मई को खत्म हुए पखवाड़े में यह 9.9% थी। अप्रैल की शुरुआत में बैंकों में जमा रकम में कमी दर्ज की गई। यह आय घटने का संकेत है।
पीएफ से रिकॉर्ड निकासी
दूसरी लहर का औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों पर सबसे बुरा असर पड़ा। इसके चलते पीएफ से रिकॉर्ड निकासी हुई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़ों को देखें तो 31 मई, 2021 तक 76.31 लाख लोगों ने पीएफ से 18,698.15 करोड़ निकाले। केंद्र ने भी दूसरी लहर को देखते हुए पीएफ से दूसरी अग्रिम निकासी की अनुमति दी है।
सोने की नीलामी बढ़ी
दो महीने में बैंकों और एनबीएफसी द्वारा बड़े पैमाने पर सोने की नीलामी हुई। बीमा पॉलिसी की बिक्री भी प्रभावित हुई है।
Shock: Common man’s savings eaten up by Corona epidemic