चंडीगढ़: पंजाब सरकार की ओर से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के बीच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इंडो-पाक बॉर्डर से सटे राज्यों में ड्रग्स तस्करी के मामलों में पंजाब दूसरे स्थान पर है, जहां पिछले तीन वर्षों में ड्रग्स जब्ती के 33 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इस सूची में राजस्थान पहले स्थान पर है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में पंजाब में ड्रग्स के 9,025 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 46,227 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई। वर्ष 2023 में 11,564 मामलों में 47,475 किलोग्राम ड्रग्स और वर्ष 2022 में सर्वाधिक 12,423 मामलों में 51,252 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पंजाब सीमा ड्रग्स, नकली नोटों और हथियारों की अधिकतम जब्ती के लिए सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा है। यहां भारी मात्रा में हेरोइन, अफीम, चरस और अन्य नशीले पदार्थों के साथ-साथ एके-47, एके-56, राइफल, आरडीएक्स और विदेशी निर्मित राइफलें भी बरामद हुई हैं।
रिपोर्ट में ड्रोन के माध्यम से हेरोइन की तस्करी को एक नई चुनौती बताया गया है, जिसमें अमृतसर सेक्टर सबसे संवेदनशील है। राज्य सरकार अब सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने की तैयारी कर रही है।
वहीं, पंजाब सरकार के ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत 1 मार्च, 2025 से अब तक 8352 एफआईआर दर्ज करके 14183 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान 586 किलोग्राम हेरोइन, 246 किलोग्राम अफीम, 135 क्विंटल भुक्की, 8.9 किलोग्राम चरस, 193 किलोग्राम गांजा, 2.5 किलोग्राम आईसीई, 1.6 किलोग्राम कोकीन, 25.70 लाख नशीली गोलियां और 10.75 करोड़ रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई है।
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Punjab ranks second in drug smuggling