नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मजीठिया को मिली जमानत को चुनौती दी गई थी। इस फैसले के साथ ही, मजीठिया की जमानत बरकरार रहेगी।
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया साल 2022 से, यानी पिछले लगभग ढाई वर्षों से, जमानत पर बाहर हैं और जांच प्रक्रिया में लगातार शामिल हो रहे हैं। अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए, वह हाईकोर्ट द्वारा दिए गए जमानत के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि मामले से जुड़ा कोई भी पक्ष, चाहे वह अभियोजन हो या बचाव पक्ष, जांच या अदालती कार्यवाही के संबंध में मीडिया में किसी भी प्रकार का कोई बयान जारी नहीं करेगा।
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में बिक्रम सिंह मजीठिया पर ड्रग्स से जुड़े गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद जनवरी 2022 में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। यह कार्रवाई पंजाब पुलिस की एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा साल 2018 में सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर की गई थी, जिसमें राज्य में चल रहे ड्रग रैकेट का खुलासा किया गया था। बिक्रम सिंह मजीठिया साल 2007 से 2017 के दौरान पंजाब में अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। बाद में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, जिसे पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन आज यह याचिका खारिज हो गई।
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Majithia gets big relief from Supreme Court in drugs case