जालंधर (अमन बग्गा): हंस राज महिला महाविद्यालय में प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के दिशा-निर्देश अधीन हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग की ओर से विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय हिन्दी व संस्कृत साहित्य में जीवन कला के स्वर्णिम सूत्र रहा। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने मुख्य वक्ता श्री राजू वैज्ञानिक का ग्रीन प्लांटर भेंट कर स्वागत किया।
प्राचार्या डॉ. सरीन ने सर्वप्रथम हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी तथा कहा कि सुखमय जीवन का रहस्य सरल होना है। उन्होंने कहा कि हिन्दी जन-जन की भाषा है एवं अभिव्यक्ति का सरल माध्यम है। इसलिए हिन्दी भाषा के प्रति सदैव समर्पित रह उसके प्रचार व प्रसार में अपना योगदान दें। मुख्य वक्ता श्री राजू वैज्ञानिक ने अपने वक्तव्य में हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी तथा कहा कि साहित्य का प्राण कला एवं संस्कृति हैै। सरल जीवन का रहस्य अहम् का त्याग करना है। उन्होंने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है एवं समाज के द्वारा ही वह गतिशील रह सकता है। अहंकार, अन्धविश्वास जैसे विकार हमारे जीवन को दुर्गन्धमय बनाते हैं। पाखण्ड मृत्यु है और ज्ञान आपको अमरता प्रदान करता है। इसलिए ज्ञान को प्राप्त कर जीवन को उपयोगी बनाएं।
इस अवसर पर हिन्दी भाषा को समर्पित एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं ने हिन्दी भाषा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। हिन्दी विभागाध्यक्षा डॉ. ज्योति गोगिया के निर्देशन एवं लेखन में यह नुक्कड़ नाटक तैयार किया गया। इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान एवं रैली का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़, हिन्दी विभाग से श्रीमती पवन कुमारी, डॉ. दीप्ति धीर व अन्य टीचिंग सदस्य उपस्थित रहे।
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Hindi Day organized in HMV, message from Principal Dr. Ajay Sarin – Always be dedicated to Hindi language and contribute to its promotion and spread.