नई दिल्ली: गूगल, एप्पल और फेसबुक सहित विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने वाले करीब 16 अरब लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में सामने आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, एक बड़े पैमाने पर साइबर चोरी में 16 अरब से अधिक पासवर्ड और लॉग-इन क्रेडेंशियल चुरा लिए गए हैं। इस घटना ने ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उन बड़ी टेक कंपनियों की सुरक्षा पर जिन पर हम अपनी डिजिटल पहचान और संवेदनशील जानकारी सौंपते हैं।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने डार्क वेब पर 16 अरब से अधिक चोरी हुए क्रेडेंशियल बिक्री के लिए उपलब्ध पाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इस खतरे से नहीं निपटा गया तो लाखों यूजर्स फिशिंग हमलों, पहचान की चोरी और यहां तक कि अपने अकाउंट पर नियंत्रण खोने का शिकार हो सकते हैं।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में शुरू हुई जांच में शामिल शोधकर्ताओं का मानना है कि इस विशाल डेटा लीक के पीछे कई ‘इन्फोस्टेलर’ मैलवेयर का हाथ है। पासवर्ड की चोरी को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि इससे कई तरह के खतरे पैदा हो सकते हैं। इसी कारण से, गूगल ने अपने अरबों उपयोगकर्ताओं को तत्काल अपने अकाउंट के पासवर्ड बदलने और सुरक्षा के लिए पासकी का उपयोग करने की सलाह दी है।
साइबरन्यूज के विलियस पेटकॉस्कस के अनुसार, इस चोरी में 30 डेटासेट लीक हुए हैं, जिनमें से प्रत्येक में 3.5 अरब से अधिक रिकॉर्ड शामिल थे, जिससे यह आंकड़ा 16 अरब तक पहुंच गया। इन लीक हुए डेटा में गूगल, एप्पल, फेसबुक, टेलीग्राम, गिटहब और कई सरकारी एजेंसियों से जुड़े पासवर्ड और लॉग-इन क्रेडेंशियल शामिल हैं।
अपनी ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाना जरूरी है। भले ही आपको यह न पता हो कि आप इस डेटा लीक से प्रभावित हुए हैं या नहीं, सबसे महत्वपूर्ण काम यह है कि तुरंत अपने सभी महत्वपूर्ण अकाउंट के पासवर्ड बदलें। पासवर्ड बदलने के बाद, अपने अकाउंट पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन फीचर को सक्रिय करें। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए पासवर्ड की जगह पासकी का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
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