चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता में आए लगभग दो महीने हो चुके हैं। इस दौरान सीएम मान ने लगातार जनहित में बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री मान शुरू से ही वीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे हैं। इस पर राज्य सरकार पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। इसके तहत ‘एक विधायक एक पेंशन’ का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। आज फिर मुख्यमंत्री मान ने एक बड़ा कदम उठाया जिसके तहत वीआईपी कल्चर को कम करने के लिए 424 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इनमें सिद्धू मूसेवाला समेत डेरा प्रमुखों सहित पूर्व पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। पूर्व विधायकों और प्रभावशाली लोगों से भी सुरक्षा हटा ली गई है।
जिन विधायकों और प्रभावशाली लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई है उनमें राज्यसभा के पूर्व सदस्य शमशेर दुलो, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी, पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, हरदयाल कंबोज, रूपिंदर रूबी, फतेह जंग बाजवा, सुखपाल भुल्लर, दिनेश सिंह बाबू, संजय तलवार , कुलजीत नागरा, सुरजीत सिंह धीमान, नाथू राम, राजीव शुक्ला, एसके अस्थान, पंजाबी गायक और कांग्रेसी सिद्धू मूसेवाला और अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह, डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास, लखबीर सिंह लाखा, इंदु बाला, सुखदेव ढींडसा, इंद्रबीर सिंह बुलारिया, अनिल सरीन, अमरीक ढिल्लों, हरजोत कमल, जोगिंदरपाल भोआ, धर्मबीर अग्निहोत्री, तीक्षण सूद, बलविंदर लाडी शामिल हैं।
CM Bhagwant Mann’s big action on VIP culture