अमृतसर: पंजाब सरकार ने सरकारी कणक (गेहूं) वितरण में डिपो होल्डर द्वारा कम गेहूं देने की धांधली को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब नीले कार्ड धारकों की केवाईसी की जा रही है। इस केवाईसी प्रक्रिया से उन परिवारों को मिलने वाली गेहूं की धांधली रुकेगी जिनके सदस्य अब जीवित नहीं हैं।
कई डिपो होल्डर मृत सदस्यों के नाम पर आने वाली गेहूं को खुद ही रख लेते थे, यह कहकर कि अब आपके सदस्य की गेहूं नहीं मिलेगी क्योंकि उनकी मृत्यु हो चुकी है। परिवार के सदस्यों को भी शायद यही लगता था कि विभाग ने खुद ही कार्ड रद्द कर दिया है। पंजाब सरकार ने इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए नीले कार्ड धारकों के प्रत्येक सदस्य की केवाईसी शुरू कर दी है। अब केवल वही सदस्य गेहूं ले पाएगा जिसकी केवाईसी पूरी होगी।
कैसे होती थी पहले धांधली?
यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि जब कोई लाभार्थी डिपो होल्डर से गेहूं लेने आता था, तो परिवार के सदस्यों में से एक व्यक्ति अंगूठा लगाकर गेहूं ले जाता था। यदि उसके परिवार में से किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती थी, तो उन्हें केवल उतने ही सदस्यों की गेहूं दी जाती थी जितने परिवार में मौजूद होते थे। लंबे समय से विभाग के संज्ञान में ऐसे मामले आ रहे थे और इस संबंध में खबरें भी प्रकाशित हुई थीं।
अंतिम तिथि 30 मई
इस मामले में फूड सप्लाई के एएफएसओ संदीप सैंडी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार के दिशानिर्देशों के तहत प्रत्येक डिपो होल्डर को केवाईसी करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार द्वारा केवाईसी करने की अंतिम तिथि 30 मई तक निर्धारित की गई है। सभी लाभार्थी इस अवधि तक अपनी केवाईसी करवा सकते हैं।
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Rigging in wheat distribution will be curbed