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ट्रंप सरकार का बड़ा फैसला: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के एडमिशन रद्द, जानें भारतीयों पर क्या होगा असर

न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की विदेशी छात्रों को एडमिशन देने की पात्रता को रद्द कर दिया है। इस फैसले से विश्वविद्यालय और ट्रंप प्रशासन के बीच चल रहा तनाव और बढ़ गया है। यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस व्यापक नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वह देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों पर अपना नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने गुरुवार को घोषणा की कि हार्वर्ड का स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन 2025-2026 शैक्षणिक वर्ष के लिए समाप्त कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के परिणामस्वरूप, हार्वर्ड अब नए विदेशी छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकेगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, DHS की सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड को एक पत्र भेजकर सूचित किया है कि अब विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों को प्रवेश नहीं दे पाएगा। यह कड़ा निर्णय हार्वर्ड द्वारा विदेशी छात्रों का रिकॉर्ड देने से इनकार करने के बाद लिया गया है। हार्वर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, यहां हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र एडमिशन लेते हैं। कुल मिलाकर, हार्वर्ड में 6,800 विदेशी छात्र पढ़ाई करते हैं, और इस वर्ष 788 भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया था।

इस फैसले के बाद, विदेशी छात्रों से कहा गया है कि वे किसी अन्य अमेरिकी संस्थान में स्थानांतरण लें, अन्यथा उनका लीगल स्टेटस खतरे में पड़ सकता है। हालांकि, जो छात्र अपना सेमेस्टर पूरा कर चुके हैं, उन्हें ग्रेजुएशन पूरी करने की अनुमति दी गई है। यह बदलाव 2025-26 शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे।

ट्रंप सरकार का आरोप है कि हार्वर्ड प्रशासन इजरायल और यहूदियों के खिलाफ नफरत फैलाने के मामलों को रोकने में विफल रहा है। इसी के चलते सरकार अब विश्वविद्यालयों पर अधिक नियंत्रण स्थापित करना चाहती है, जिसका हार्वर्ड लगातार विरोध कर रहा है।

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