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पुलिस में एक साथ भर्ती हुए चार जिगरी दोस्तों ने चुनी मौत, पुलिस डिपार्टमेंट में मचा हड़कंप

पुलिस महकमे में एक साथ भर्ती चार हुए जवानों द्वारा एक-एक कर मौत को गले लगाने की कहानी एक पहेली सी बन गई हैं। इनमें से तीन सिपाहियों ने फांसी लगाकर जान दी, जबकि चौथे ने शुक्रवार देर रात सरकारी असलहे से गोली मारकर अपनी जिंदगी की डोर काट ली।

देहरादून में शनिवार को विजिलेंस मुख्यालय में सिपाही की गोली लगने से मौत हुई तो पता चला कि इससे पहले हरिद्वार में पुलिस महकमे में तैनात उसके तीन दोस्त भी खुदकुशी कर चुके हैं। वैसे तो सिपाही चंद्रवीर की मौत और उसके दोस्तों की खुदकुशी से जुड़े कई राज खुलना बाकी है, लेकिन इस वाकये को सुनकर हर कोई हतप्रभ है। चंद्रवीर सिंह के अवसादग्रस्त होने के पीछे की कोई ठोस वजह तो सामने नहीं आई है, मगर विजिलेंस मुख्यालय में गोली लगने से उसकी मौत होने के बाद उससे जुड़ी जो जानकारियां सामने आई है, वह हैरान करने वाली हैं। 

महज डेढ़ साल में ही चले गए चारों

चारों दोस्तों ने महज डेढ़ साल के अंतराल में ही मौत को गले लगा लिया। तीन दोस्तों ने हरिद्वार में अपनी जान दी। चौथे दोस्त का महकमे ने हद्विार में मनोचिकित्सक से इलाज कराया और देहरादून के लिए तबादला कर दिया था। लेकिन हरिद्वार से आने के महज बीस दिन बाद ही चंद्रवीर सिंह ने देहरादून में खुदकुशी कर ली।

उत्तराखंड पुलिस के चार सिपाहियों की मौत किन परिस्थितियाें में हुई है, यह जानना जरूरी है। कुछ तो है इसमें, जांच कराएंगे। कोई ना कोई डिप्रेशन था, क्या टोटका था। एसपी सिटी श्वेता चौबे को जांच के आदेश दिए गए है।